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जिन दूकानदारों ने ऐसा नाम रखा है, उन्हें नाम बदलने के लिए 30 जून तक मोहलत दी गई है.’

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    पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में शराब दूकानों के नाम देवी-देवताओं, महापुरुषों या ऐतिहासिक किलों के नाम पर रखने पर पाबंदी लगा दी है. जिन दूकानदारों ने ऐसा नाम रखा है, उन्हें नाम बदलने के लिए 30 जून तक मोहलत दी गई है.’’

    हमने कहा, ‘‘धंधा चाहे शराब बिक्री का ही क्यों न हो, दूकानदार की अपने इष्टदेवता या महापुरुष के प्रति श्रद्धा रहती है, इसलिए बिजनेस की बरक्कत के लिए वह दूकान को उनका नाम दे देता है. अब क्या शराब विक्रेता देवी-देवता का नाम हटाकर अपनी दूकान को रावण बीयर बार, महिषासुर वाइन मार्ट, शूर्पणखा लिकर स्टोर या नरकासुर देसी दारू की दूकान का नाम देंगे?

    रामायण में उल्लेख है कि कुंभकर्ण कई घड़े शराब पी जाता था. जब उसे जबरन जगाया गया तो रावण ने उसके पास भरपूर शराब रखवा दी थी जिसे पीकर वह गरजने लगा. लिखा है- महिष खाई, करि मदिरा पाना, गरजा वज्राघात समाना! यदि शराब की दूकान का नाम असुर वाइन शॉप या डेविल ड्रिंक्स रखा जाए तो किसी को आपत्ति नहीं होगी.’’

    पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, भैरव को मदिरा का भोग लगाया जाता है तो भैरव वाइन मार्ट नाम कैसा रहेगा?’’ हमने कहा, ‘‘हर कदम संभल कर उठाना पड़ेगा. शराब की दूकान को किसी किले या गढ़ का नाम भी नहीं दिया जा सकता. जिसने भी रायगढ़, सिहगढ़ या प्रतापगढ़ नाम रखा होगा, उसे तुरंत नाम चेंज करना होगा.’’

    पड़ोसी ने कहा, ‘‘बिल्कुल सही बात है. चार कदम चलकर लड़खड़ाने वाला शराबी किसी किले या गढ़ पर चढ़ ही नहीं सकता. यदि किराणा दूकान, मिष्ठान्न भंडार या होटल हो तो जय दुर्गे, जय अंबे, गणेश शंकर, राम, कृष्ण के नाम लगाए जा सकते हैं लेकिन मदिरालय को कोई पवित्र नाम नहीं दिया जा सकता. उसे बेवड़ा बार, पियक्कड़ पब, मधुशाला या मयखाना का नाम दो तो किसी को आपत्ति नहीं होगी. इसी तरह ओल्ड मॉन्क रम या आफिसर्स च्वॉइस, डायरेक्टर्स स्पेशल जैसे व्हिस्की के नाम भी बदले जाने चाहिए ताकि कोई ऐतराज न करे’’