पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, प्रधानमंत्री मोदी ने जापान के हिरोशिमा में क्वाड नेताओं की शिखर परिषद में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन को गले लगाया. विदेशी नेताओं को आत्मीयतापूर्वक गले लगाने की पहल मोदी ने ही शुरू की. इसके पहले हमारे जितने भी प्रधानमंत्री हुए वे सिर्फ हाथ मिलाते थे. किसी को लपक कर प्रगाढ़ आलिंगन करने का आइडिया ही नहीं आया. मोदी बेझिझक विदेशी नेता को अपनी 56 इंच की छाती से चिपका लेते हैं. इससे एक नेता के दिल की धड़कन दूसरे की धड़कन से मिल जाती है. गले लगना भारतीय संस्कृति है. लोग दशहरा और होली में गले मिलते हैं.’’ हमने कहा, ‘‘गले मिलना तो अच्छा है, किसी के गले नहीं पड़ना चाहिए. वैसे गले का बड़ा महत्व है. किसी का गला सुरीला होता है. उस्ताद गुलाम अली खान ने कहा था कि लता मंगेशकर के गले में खुदा बसता है. आपने मदनमोहन का संगीतबद्ध गीत सुना होगा- लग जा गले से फिर ये हसीं रात हो ना हो, शायद इस जनम में मुलाकात हो ना हो!’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, इसीलिए मौका मिलते ही ‘मित्रों’ को गले लगा लेना चाहिए. मोदी की सफलता का राज यही है. वे जैसा इंटीमेट टच देते हैं उतनी ही मित्रता गहरी होती है. बाइडेन हो या पुतिन, कोई उनके बाहुपाश से बच नहीं पाता.’’ हमने कहा, ‘‘बहुत देर पानी न पियो तो गला सूख जाता है. जब व्यक्ति ज्यादा इमोशनल हो जाता है तो गला भर आता है. भावावेश में कंठ अवरुद्ध होने से मुंह से आवाज ही नहीं निकल पाती. कभी खाना खाते समय गले में कौर अटक जाता है. स्पांडिलाइटिस की शिकायत वाले गले को सहारा देनेवाला कॉलर लगाते हैं. शायरी में कहा गया है- जब जरा गर्दन झुकाई, देख ली तस्वीरे-यार! विदेश के स्टोर में सिर्फ गले का नाप लेकर सही नंबर की शर्ट दे देते हैं. गला है, इसीलिए ईयर-नोज-थ्रोट के डॉक्टर या ईएनटी स्पेशलिस्ट हैं. जाटों और पहलवानों की गर्दन मोटी मिलेगी. हीरोइनों और मॉडेल्स की गर्दन सुराहीदार हुआ करती है.’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, जब किसी की बात बिल्कुल नहीं पटती तो कहना पड़ता है कि आपकी दलील हमारे गले नहीं उतर रही है. गला है तभी तो मंगलसूत्र और नेकलेस पहना जाता है. साधु-संत गले में कंठी माला डालते हैं. गले को अहमियत देने से महाराष्ट्र में गलगलीकर जैसा सरनेम रहता है.’’