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उन्होंने फैसला कर लिया कि बड़बोले सिद्धू से हाथों की कठपुतली चरणजीतसिंह चन्नी बेहतर हैं.

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    पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, अच्छा हुआ कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पंजाब में पार्टी का मुख्यमंत्री का चेहरा तय कर उनके माथे पर सेहरा बांध दिया. उन्होंने फैसला कर लिया कि बड़बोले सिद्धू से हाथों की कठपुतली चरणजीतसिंह चन्नी बेहतर हैं. अब पार्टी कहेगी- चन्नी बिना चैन कहां रे. चन्नी को देखकर पार्टी कार्यकर्ता भी कहेंगे- अब जा के आया मेरे बेचैन दिल को करार.’’

    हमने कहा, ‘‘चेहरे को लेकर अनिश्चितता नहीं रहनी चाहिए. सिद्धू और चन्नी दोनों दाढ़ी-मूंछ वाले हैं. सिद्धू वाचाल हैं और चन्नी खुशहाल. चन्नी दलित हैं तो सिद्धू की प्रतिभा असीमित है. सिद्धू जोक सुनाता है तो चन्नी चैन की बंसी बजाता है. राहुल ने तत्काल फैसला कर लिया कि सीएम का फेस सिर्फ चन्नी ही है. चन्नी के सामने चुनाव की चुनौती है. तब तक वे चना जोर गरम खा सकते हैं.’’

    पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, चन्नी के सामने चुनौती कम नहीं है ईडी ने चन्नी के भतीजे भूपिन्दर उर्फ हनी को गिरफ्तार किया है. उसने स्वीकार कर लिया है कि रेत की अवैध खुदाई-ढुलाई और अधिकारियों की तैनाती और तबादले में उसने 10 करोड़ रुपए नकदी की रिश्वत खाई. इस भ्रष्टाचार से चन्नी की इमेज भी खराब हो रही है. कहीं ऐसा न हो कि जहां जहां चरण पड़े चन्नी के तहं-तहं बंटाढार.’’

    हमने कहा, ‘‘जहां तक सिद्धू का सवाल है, वे चन्नी की उपलब्धि पर अलंकारिक कमेंट करते हुए कह सकते हैं- गुरु, मंदिर के शिखर पर बैठ जाने से कोई कौआ गरुड़ नहीं बन जाता. सभी जानते हैं कि सिद्धू का पंजाब से गहरा नाता! मेरे नेता राहुल गांधी ने जो तय किया वो मंजूर. बड़ा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर. कैप्टन को हटाने के लिए जोर लगानेवाला सिद्धू लेकिन कुर्सी पर आकर बैठ गया. चाहे जो भी होगा पब्लिक का फैसला, सिद्धू का नहीं टूटेगा हौसला. इस बात पर ठोको ताली.’’