पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन अपने सरकारी आवास की सीढि़यों से नीचे उतरते हुए लड़खड़ाकर गिर गए. वे पहले 5 स्टेप नीचे गिरे फिर लुढ़ककर 2 सीढ़ी और नीचे आ गिरे.’’
हमने कहा, ‘‘व्यक्ति को इतना नीचे नहीं गिरना चाहिए कि अपनी नजरों में ही गिर जाए. पुतिन को उनका मन कहीं न कहीं टीस दे रहा होगा कि यूक्रेन व्यर्थ ही युद्ध छेड़कर उन्होंने हजारों रूसी सैनिक मरवा दिए. उन सैनिकों के परिजनों की हाय उन्हें लग रही होगी. तभी वे सीढ़ी से गिरे. कर्मों का फल भुगतना ही पड़ता है. उनका स्वास्थ्य यूक्रेन से युद्ध शुरू करने के बाद से खराब हो गया था.’’
पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, यूक्रेन युद्ध का सीढ़ी से गिरने से क्या संबंध? 70 वर्ष के पुतिन को लिफ्ट यूज करनी चाहिए थी. या अपने बॉडीगार्ड का हाथ पकड़कर या कंधे का सहारा लेकर धीरे-धीरे उतरना चाहिए था. पुतिन के इस तरह गिरने से रूस की कमजोरी दिखाई देती है. एक समय पुतिन जूडो के ब्लैक बेल्ट चैम्पियन रह चुके हैं. उन्होंने एक वक्त बर्फ से जमी झील में डुबकी लगाकर खुद को फिट साबित किया था. उन्होंने कमांडो ट्रेनिंग भी ली थी.’’
हमने कहा, ‘‘स्वास्थ्य हमेशा अवस्था के अनुसार रहता है. पुतिन को प्रधानमंत्री मोदी ने समझाया था कि यह समय युद्ध का नहीं है. यह संकेत था कि युद्ध विराम कर विश्राम करो. अब बैलेंस जाने से गिर पड़े तो डाक्टरों ने बताया कि ओकोलॉजी या कैंसर से पीड़ित होने के कारण ऐसा हुआ. शायद उनकी ब्लड शुगर भी अचानक लो हो गई होगी. पुतिन से अमेरिका के 80 वर्षीय राष्ट्रपति जो बाइडेन ज्यादा फिट हैं. वे एक बार भी व्हाइट हाउस की सीढि़यों से नहीं गिरे.’’
पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज पुतिन और बाइडेन से ज्यादा फिट हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं जो हमेशा अति सक्रिय रहते हैं. देश भी चलाते हैं, विदेश भी जाते हैं और हर राज्य में जोरशोर से चुनाव प्रचार भी करते हैं. फिटनेस के मामले में भारत माता के सपूत मोदी की पुतिन क्या खाकर बराबरी करेंगे! मोदी उन्हें योगासन और प्राणायाम करना और खिचड़ी-फापड़ा-खाखरा खाना सिखा सकते हैं. यदि पुतिन मोदी के चुनाव क्षेत्र वाराणसी में रहते तो वहां के लोग उन्हें प्रेम से पुतुआ या पुत्तन कहते. जब पुतिन को कैंसर की तकलीफ है तो तुरंत वीआरएस ले लें और अपनी हेल्थ केयर की सोचें वरना ऐसे ही गिरते-पड़ते रहेंगे.’’