पाकिस्तान की जनता चौंकी, नवाज के सिर पर 1 लाख की टोपी

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पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, आजकल शहरों में सभी लोग खुले सिर घूमते हैं जबकि एक जमाना था जब लोग टोपी या पगड़ी पहने बिना बाहर नहीं निकलते थे। अब टोपी सिर्फ देहातों तक सीमित होकर रह गई है। टोपी पहनने की बजाय आजकल टोपी पहनानेवाले या टोपी देनेवाले ठगों की बन आई है। ’’

हमने कहा, ‘‘आज आप टोपी की चर्चा क्यों कर रहे हैं।  सभी जानते हैं कि विभिन्न पार्टियों की अलग-अलग टोपी हुआ करती है। पुराने कांग्रेसी नेता गांधी टोपी लगाया करते थे।  यह ऐसी टोपी है जिसे खुद महात्मा गांधी ने कभी नहीं पहना। आरएसएस के लोग काली टोपी लगाते हैं। अखिलेश यादव की पार्टी सपा के नेता-कार्यकर्ता लाल टोपी पहनते हैं। मुस्लिम समुदाय जिस छोटी टोपी को पहनता है उसे अंग्रेजी में एकल कैप कहते है।  काले झब्बेवाली लाल तुर्की टोपी भी आपने देखी होगी। ’’

पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, पाकिस्तान में सत्ता के मजबूत दावेदार माने जा रहे नवाज शरीफ की टोपी को लेकर वहां के शोशल मीडिया में हंगामा मचा हुआ है। पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने अपने गंजेपन को छिपाने के लिए 1,00,000 रुपए की टोपी लगाई। यह कीमती टोपी गूची कंपनी की है। लोगों ने सवाल किया कि जब देश की बड़ी आबादी रोटी के लिए तरस रही है तो क्या नवाज शरीफ को इतनी महंगी टोपी लगाना शोभा देता है?’’

हमने कहा, ‘‘कोई क्या खाता या पहनता है, यह उसका व्यक्तिगत मामला है। अपने देश में भी प्रधानमंत्री मोदी के नौलखे सूट को विपक्ष ने मुद्दा बनाया धथा। राहुल गांधी ने सूट-बूट की सरकार का फिकरा कसा था। इसके बाद पीएम ने वह सूट पहनना छोड़ दिया लेकिन स्वाधीनता दिवस और गणतंत्र दिवस पर वह अलग-अलग किस्म की पगड़ी पहनते हैं। जिस राज्य में जाते हैं वहां की वेशभूषा पहन लेते हैं और प्रेजेंटेबल बने रहते हैं। ’’

पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, नवाज शरीफ की टोपी को मुद्दा बनानेवाले पाकिस्तानियों को हमारे टोपी से संबंधित फिल्मी गीत सुनने चाहिए। बैंडवाले हमेशा बजाते हैं- काली टोपीवाले तेरा नाम तो बता! एक अन्य गीत है- सर में टोपी लाल, हाथ में रेशम का रुमाल, ओ तेरा क्या कहना!’’