शरद पवार के बयान से अटकलें लग रहीं राकां-कांग्रेस का संगम होगा कि नहीं

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पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, भारतभूषण और मीनाकुमारी की पुरानी फिल्म बैजू बावरा का लोकप्रिय गीत था- तू गंगा की मौज मैं जमुना का धारा, होगा मिलन ये हमारा-तुम्हारा! इस समय महाराष्ट्र के दिग्गज नेता व एनसीपी के संस्थापक शरद पवार ने संकेत दिया है कि लोकसभा चुनाव के बाद बहुत सी क्षेत्रीय पार्टियां कांग्रेस के निकट जा सकती हैं और कुछ कांग्रेस में विलय भी कर सकती है. एक और भी गीत है- बोल राधा बोल संगम होगा कि नहीं! इस मुद्दे पर आप की क्या प्रतिक्रिया है?’’

हमने कहा, ‘‘शरद पवार ने राजनीतिक चर्चा के लिए एक शगूफा छोड़ दिया है. वैसे उन्होंने कहा कि एनसीपी और कांग्रेस की विचाराधारा व आदर्शों में फर्क नहीं है. दोनों सिक्यूलर पार्टियां महात्मा गांधी और नेहरू को मानती हैं. इससे संकेत मिल रहा है कि यदि चुनाव के बाद कांग्रेस मजबूत होती नजर आई तो एनसीपी का उसमें विलय हो सकता है. पवार कांग्रेस के पुराने वरिष्ठ नेता रहे हैं. विदेशी मूल के मुद्दे पर उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी थी लेकिन बाद में सोनिया गांधी द्वारा रिमोट कंट्रोल से चलाई जानेवाली मनमोहन सरकार में पवार खुशी-खुशी 10 वर्षों तक कृषि मंत्री बने रहे. यदि शरद पवार को ऊंचा पद देने का प्रस्ताव रखा जाए तो कांग्रेस उन्हें अपनी ओर खींच सकती हैं. तलवार से काटने पर पानी अलग नहीं होता. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा है कि एनसीपी (शरद) और कांग्रेस का विलय लोकसभा चुनाव नतीजों पर निर्भर करता है.’’ 

पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, अजीत पवार ने कहा कि वह उस समय के साक्षी हैं जब 8 दिसंबर 1986 को उनके चाचा शरद पवार ने अपनी समाजवादी कांग्रेस का कांग्रेस (आई) में विलय करने की घोषणा की थी. इसी दौरान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद एनसीपी (शरद) और उद्धव की शिवसेना दोनों पार्टियां कांग्रेस में विलय कर लेंगी. इस पर उद्धव ने कहा कि शरद पवार ने कुछ छोटी पार्टियों का जिक्र किया. मेरी पार्टी छोटी नहीं है.’’ 

हमने कहा, ‘‘एक शेर है- इब्तदाए इश्क है, सोचता है क्या, आगे-आगे देखिए, होता है क्या! शादी न भी हो तो लिव-इन हो सकता है.’’