भारत में ऋषि-मुनियों की परंपरा, सुनक पढ़ें हमारे पुराणों को जरा

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    पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक को यदि ऋषि-मुनियों की गौरवशाली परंपरा के बारे में जानना है तो भारत आएं. हमारा ख्याल है कि ऋषि सुनक के लिए ऋषिकेश जाना अच्छा रहेगा. बोरिस जानसन की सरकार में वित्त मंत्री रह चुके सुनक को आर्थिक प्रपंच छोड़कर अपनी जड़ों की ओर लौटना चाहिए. जब उनका सरनेम सुनक है तो अच्छे श्रोता बनकर वेद-पुराण और उपनिषद की कथाएं सुनें. 

    प्राचीन शिक्षा प्रणाली में श्रुति और स्मृति का बड़ा महत्व था. ध्यना से सुनो और दिमाग में सारा ज्ञान रख लो. हमारे ऋषि वन में आश्रम बनाकर रहते थे और कंद, मूल, फल खाते थे. अपने शिष्यों को निशुल्क पढ़ाते थे. उनसे एडमिशन फीस, टर्म फीस, अमलगमेशन फीस, लैब फीस या कॉशन मनी कुछ भी वसूल नहीं करते थे. जब ब्रम्हाचारी शिष्य 25 वर्ष की उम्र में संपूर्ण ज्ञानार्जन कर आश्रम छोड़ता था तब वह खुद ही गुरूदक्षिणा समर्पित कर देता था.’’ 

    हमने कहा, ‘‘आप सूटबूट टाई पहननेवाले ऋषि सुनक से भारत के त्यागी-तपस्वी ऋषियों को क्यों जोड़ रहे हैं? ऋषि सुनक ऐसा ही नाम है जैसा फिल्मस्टार ऋषि कपूर का था. नाम और काम का फर्क समझिए. ऋषि सुनक को ब्रिटेन की डगमगाती अर्थव्यवस्था संभालनी है.’’ 

    पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, हमारे देश के ऋषि-मुनि जब कठोर तपस्या करते थे तो देवराज इंद्र का सिंहासन इम्बैलेंस होकर डगमगाने लग जाता था. ऋषि सुनक को भारत आने पर पता चलेगा कि यहां सिर्फ ऋषि ही नहीं महर्षिक और ब्रम्हर्षि भी हुए थे. नारद को देवर्षि और राजा जनम को राजर्षि कहा जाता था. महर्षि विश्वामित्र में इतना पॉवर था कि उन्होंने राजा त्रिशंकु को जीते जी सदेह स्वर्ग भेजने का प्रयास किया था. 

    सोचिए कि कैसा रॉकेट साइंस उनके पास रहा होगा! विश्वामित्र चाहते थे कि उन्हें वशिष्ट मुनि ब्रम्हर्षि के रूप में मान्यता दें. इसीलिए उनका आपसी झगड़ा चलता रहता था. अंधेरी रात के समय आसमान में उत्तर दिशा की ओर देखिए तो आपको ध्रुव तारे के साथ सप्तर्षि नजर आएंगे. ये 7 ऋषियों के प्रतीक हैं जिनके नाम अंगिरा, अगस्त्य, पुण्यस्त्य, पुलहृस्त, जमदग्नि आदि हैं.’’ 

    हमने कहा, ‘‘इतनी बातें करने की बजाय समझ लीजिए कि भारतवंशी होने के बावजूद ऋषि सुनक ब्रिटिश हैं. उनका भारत से सिर्फ इतना ही रिश्ता खास है कि इन्फोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति उनके ससुर और सुधार मूर्ति उनकी सास है.’’