562 रियासतों को मिलाकर बने ‘आयरन मैन’

सरदार वल्लभ भाई पटेल ने सभी छोटी और बड़ी रियासतों का भारत में विलय कराने का महत्वपूर्ण काम किया। इतिहार में उनके इस कार्य को विशेष तौर पर याद किया जाता है।

  • वल्लभ भाई पटेल ‘सरदार’ ही नहीं ‘लौह पुरुष’ भी थे
  • न होते वल्लभ भाई पटेल तो आज जैसा दिखता है वैसा नहीं होता भारत

Loading

Sardar Patel Death Anniversary : सरदार वल्लभ भाई पटेल (Sardar Vallabhbhai Patel) की आज 70वीं पुण्यतिथि है। वल्लभ भाई पटेल को लौह पुरुष के नाम से भी जाना जाता है। भारत देश स्वत्रंत होने के बाद वह देश के गृहमंत्री बने थे। इस दौरान उन्होंने सभी छोटी और बड़ी रियासतों का भारत में विलय कराने का महत्वपूर्ण काम किया। इतिहार में उनके इस कार्य को विशेष तौर पर याद किया जाता है। निजी जीवन में सरदार वल्लभ भाई पटेल काफी मजबूत शख्सियत थे। उनका जन्म गुजरात के काठियावाड़ में 31 अक्टूबर को 1875 में हुआ था।  सरदार पटेल का जब जन्म हुआ था तब शायद ही किसी को पता था कि एक दिन वह भारत देश के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। वह देश के पहले उपप्रधानमंत्री थे गृह मंत्री भी रहे थे। 

15 अगस्त 1947 को भारत देश आजादी हुआ था। इसके बाद सरदार वल्लभ भाई पटेल ने देश की 565 रियासतों को एकसूत्र में बांधने के बड़ा काम किया है। यहीं वजह है कि उन्हें भारत का लौह पुरुष भी कहा जाता है। आजादी के बाद कई रियासतों ने आजाद रहने का ही फैसला कर लिया था, लेकिन सरदार पटेल ने इन सबको देश में मिलाया।

 

 22 साल की उम्र में सरदार पटेल ने  10वीं की परीक्षा पास की थी। आर्थिक तंगी के कारण वो आगे की पढ़ाई नहीं कर सकें लेकिन उन्हेंने घर पर ही जिलाधिकारी की परीक्षा की तैयारी और उन्हें इसमें सर्वाधिक अंक प्राप्त किए। इसके बाद सरदार वल्लभ भाई पटेल 36 साल की उम्र में इंग्लैंड चले गए और वहां वकालत की पढ़ाई की। उनका निधन 15 दिसंबर 1950 को मुंबई में हुआ।