राजनीति में जरूरी भाषण देने की कला, क्या करे नेता जब बैठ जाए गला

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पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, गहरी चिंता का विषय है कि एनसीपी के संस्थापक और महाराष्ट्र (Maharashtra) के दिग्गज नेता शरद पवार (Sharad Pawar) का गला बैठ गया। नेता और गायक का गला बिल्कुल दुरुस्त रहना चाहिए। उनके हुनर और रोजीरोटी का सीधा रिश्ता उनके गले से ही होता है।’’ 

हमने कहा, ‘‘इतनी फिक्र करने की जरूरत नहीं है। राजनीति में उठना-बैठना चलता ही रहता है। कभी कोई उम्मीदवार अपनी पार्टी को धोखा देकर अचानक नाम वापस लेकर बैठ जाता है तो कभी किसी भाषणबाज नेता का गला भरी सभा में बैठ जाता है। गले की अहमियत देखते हुए गले के डॉक्टर भी होते हैं जिन्हें ईएनटी स्पेशलिस्ट कहा जाता है। ये ऐसे चिकित्सक होते हैं जो नाक, कान, गले का इलाज करते हैं। इंसान की बाड़ी के बाकी अंगों से उन्हें कोई मतलब नहीं रहता।’’ 

पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज राजनीति में गले की बहुत बड़ी भूमिका है। पुष्पहार का धंधा गले की बदौलत चमकता है। बैंगलुरु हवाई जहाज के जरिए हाथी की सूंड के समान मोटे फूलों के हार लाए जाते हैं और जनसभा में नेता को पहनाए जाते हैं। कई किलो वजनी पुष्पहार से नेता का गला न लचक जाए इसलिएचार पांच कार्यकर्ता हार को पकड़े रहते हैं। ऐसी तस्वीरें आपने अखबारों या टीवी में देखी होंगी। कभी हार पहननेवाला नेता चुनाव में बुरी तरह हार भी जाता है। गले में महिलाएं नेकलेस पहनती हैं। वह हीरे का हो तो और भी अच्छा। हर इंसान को गले में अच्छी तरह साबुन लगाना चाहिए और टेलकम पाउडर छिड़कना चाहिए नहीं तो शर्ट का कॉलर मैला होते देर नहीं लगती।’’

हमने कहा, ‘‘भारतीय संस्कृति में गले मिलना या गले लगना आत्मीयता को दर्शाता है। द्वारकाधीश भगवान श्रीकृष्ण अपने गरीब बालसखा सुदामा से लपक कर गले मिले थे। हनुमानजी लंका से सीता की खोज करने के बाद लौटे तो भगवान राम ने उन्हें गले लगा लिया और कहा- तुम मम प्रिय भारत सम भाई। राम ने निषादराज को भी गले लगाया था। लता मंगेशकर के बारे में उस्ताद बड़े गुलाम अली खां ने कहा था कि लता के गले में खुदा बसता है। कुंदनलाल सहगल, मोहम्मद रफी, मुकेश, किशोरकुमार, हेमंतकुमार के स्वर में गले का ही कमाल था। प्रधानमंत्री मोदी विदेश के सारे नेताओं से गले मिला करते थे। कोरोना आने के बाद उन्होंने हाथ जोड़ कर नमस्ते करना शुरू कर दिया। अमेरिका में हाऊडी मोदी तो भारत में नमस्ते ट्रंप का आयोजन हुआ था। नमक मिले गुनगुने पानी से गार्गल करो तो गला कभी नहीं बैठेगा।’’