आघाड़ी के घटकों में बढ़ता टकराव

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    महाविकास आघाड़ी सरकार में भागीदार होने पर भी कांग्रेस खुद को उपेक्षित पा रही है. निर्णय लेने की प्रक्रिया में उसे शामिल नहीं किया जाता. स्वयं कांग्रेस के शीर्ष नेता राहुल गांधी ने कहा था कि हम जिस प्रकार पंजाब, राजस्थान व छत्तीसगढ़ में निर्णय लेते हैं, वैसा महाराष्ट्र में नहीं कर पाते क्योंकि वहां हमारी अपने दम पर सरकार नहीं है. राहुल के इस कथन के बावजूद अब महाराष्ट्र के कांग्रेस नेता अनेक मुद्दों पर बेबाकी से खुलकर बोलने लगे हैं.

    हाल ही में महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने लोनावला में हुई कांग्रेस की बैठक में उपमुख्यमंत्री व एनसीपी नेता अजीत पवार को निशाने पर लेते हुए कहा कि कौन है पुणे का पालक मंत्री? कोई बारामती का व्यक्ति है. वह किसके काम कर रहा है? क्या वह हमारे काम कर रहा है? पटोले ने कांग्रेसजनों से कहा कि वे मजबूत बनें ताकि बारामती तक अपनी पैठ बना सकें और शत्रु को हरा सकें. कांग्रेस कार्यकर्ताओं को मानसिक तौर पर कमजोर नहीं बनना चाहिए. यदि वे हमारी पीठ में छुरा घोंपते हैं तो शांत रहें. अपने दर्द को अपनी ताकत बनाएं और किसी कांग्रेसी नेता को पुणे का अगला पालक मंत्री बनाने का संकल्प लें.

    पुणे के एक कांग्रेसी नेता ने शिकायत की थी कि जिले की सरकारी समितियों में अजीत पवार कांग्रेस को कोई स्थान नहीं दे रहे हैं. सरकारी समितियों में तीनों पार्टियों के सदस्य नियुक्ति करने का फार्मूला 60-20-20 है. यह नियुक्तियां इसलिए रुकी हुई हैं क्योंकि अजीत पवार हरी झंडी नहीं दे रहे हैं. इस पर पटोले ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की. उन्होंने यह भी कहा कि उनके फोन टेप किए जा रहे हैं और उनकी बातचीत व गतिविधियों की रिपोर्ट मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार को भेजी जा रही है.

    अकेले चुनाव लड़ने का एलान

    गत माह नाना पटोले ने घोषणा की थी कि कांग्रेस अगले सभी चुनाव अकेले अपने दम पर लड़ेगी. राज्य में पार्टी का अच्छा आधार है. अकेले चुनाव लड़ने से कांग्रेस की सीटें बढ़ेंगी और उसका मुख्यमंत्री भी बन सकेगा. पटोले से पहले मुंबई कांग्रेस के प्रमुख भाई जगताप ने कहा था कि कांग्रेस बृहन्मुंबई महापालिका चुनाव अकेले लड़ेगी. इस पर शिवसेना ने कहा था कि यह कांग्रेस का अति आत्मविश्वास है. मुख्यमंत्री बनने के लिए 288 सदस्यीय विधानसभा में 145 सीटें जीतनी पड़ती हैं.

    कांग्रेस महत्वाकांक्षा रखती है तो उसमें कुछ भी गलत नहीं है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शिवसैनिकों से गठबंधन के साथ या उसके बगैर भी बृहन्मुंबई महापालिका चुनाव के लिए तैयारी करने को कहा. विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव, साथ में भावी चुनाव लड़ने को लेकर आघाड़ी के घटक दलों में मतभेद देखा जा रहा है. उधर आघाड़ी सरकार के नेताओं पर बीजेपी के प्रहार बढ़ते जा रहे हैं. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के उद्गारों पर एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार की प्रतिक्रिया पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि नाना पटोले छोटा नेता है. यदि सोनिया गांधी कुछ कहतीं तो मैं अपनी प्रतिक्रिया देता. पवार ने यह भी कहा कि राज्य विधानसभा का अगला अध्यक्ष कांग्रेस से होगा.