Sports Ministry to set up five regional talent search committees for football-Rijiju

रीजीजू ने फुटबॉल को मुख्य आधार बनाकर भारत को एक खेल महाशक्ति बनाने की सरकार की योजना का जिक्र करते हुए कहा कि देश भर में प्रतिभाओं को खोजने के लिए पांच क्षेत्रीय समितियों का गठन किया जाएगा।

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नयी दिल्ली. खेल मंत्री किरेन रीजीजू ने फुटबॉल को मुख्य आधार बनाकर भारत को एक खेल महाशक्ति बनाने की सरकार की योजना का जिक्र करते हुए कहा कि देश भर में प्रतिभाओं को खोजने के लिए पांच क्षेत्रीय समितियों का गठन किया जाएगा। रीजीजू ने कहा कि अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के साथ साझेदारी में भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) ‘खेलो इंडिया’ कार्यक्रम के तहत इस प्रतिभा तलाश योजना के लिए वित्त पोषित करेगा, जो अब तब के ‘सबसे आक्रामक कार्यक्रमों’ में से एक होगा। इसके लिए अगले कुछ महीनों में समितियों का गठन किया जाएगा।

रीजीजू ने भारतीय कप्तान सुनील छेत्री के 36 वें जन्मदिन के मौके पर ‘फुटबॉल दिल्ली’ द्वारा आयोजित एक ऑनलाइन कार्यक्रम में कहा, ‘‘ हम एआईएफएफ के साथ साझेदारी में साइ के खेलो इंडिया कार्यक्रम के तहत अगले कुछ महीनों में पांच प्रतिभा खोज समितियों का गठन करेंगे। इसमें उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम और पूर्वोत्तर क्षेत्र की एक-एक समिति होगी।

उन्होंने कहा, ‘‘ हम अब सामान्य दृष्टिकोण को नहीं अपना सकते, हमें पेशेवर तरीके से इसकी तह तक जाना होगा। यह सबसे आक्रामक अभ्यास होगा जैसे हमने पहले कभी नहीं किया। हमें देश के हर कोने से 12 साल से कम उम्र के प्रतिभाशाली बच्चों का पता लगाना है, चाहे वह पूर्वोत्तर हो, मध्य भारत का आदिवासी इलाका हो, तटीय क्षेत्र हो, दक्षिण हो या उत्तर हो।” उन्होंने कहा कि भारतीय टीम के अगले 10-15 वर्षों में विश्व कप और ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करने के लक्ष्य के साथ प्रतिभा खोज कार्यक्रम की परिकल्पना की गई थी।

खेल मंत्री ने कहा, ‘‘ अगर हम 10-15 साल में ओलंपिक और विश्व कप के लिए क्वालीफाई करना चाहते हैं तो हमें 12 साल से कम उम्र के बच्चों के साथ शुरुआत करनी होगी। मुझे भरोसा है कि हम ऐसा कर सकते हैं। भारत को खेलों में महाशक्ति बनाने की सरकार की योजना में फुटबॉल को मुख्य आधार बनाना होगा। इसे पीछे नहीं छोड़ा जा सकता, यह दुनिया का सबसे लोकप्रिय खेल है।”

उन्होंने कहा, ‘‘ हम उन लोगों को चुनेंगे जो पूर्व खिलाड़ियों की तरह फुटबॉल जानते हैं। बेशक इसमें एआईएफएफ हमारा मार्गदर्शन करेगा। यह सरकारी प्रयास उन योजनाओं से अलग होगा जो पहले से एआईएफएफ द्वारा चल रही हैं।” रीजीजू ने कहा कि मंत्रालय राज्य सरकारों और महासंघ को वित्तीय सहायता देने के बारे में भी सोच रहा था जिससे कि पंचायत और नगरपालिका जैसे जमीनी स्तर पर प्रतिभाओं को खोजने के लिए स्थानीय लीग का आयोजन हो सके। एआईएफएफ के अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया।

उन्होंने कहा कि 2017 में फीफा पुरुष अंडर -17 विश्व कप की मेजबानी करने से पहले महासंघ ने प्रतिभा खोज कार्यक्रम शुरू किया था जो अब भी जारी है। उन्होंने हालांकि खेल मंत्री की ‘व्यापक’ योजना का स्वागत किया । उन्होंने कहा, ‘‘ साइ के वित्तीय सहयोग के साथ देश के अंतिम गांव के लिए भी एक और अधिक आक्रामक तथा व्यापक कार्यक्रम का स्वागत है। खेल मंत्री की यह बात सुनकर मैं बहुत खुश हूं।” पटेल ने इस मौके पर रीजीजू को प्रत्येक क्षेत्र में कम से कम साइ के एक केन्द्र को प्रमुख फुटबॉल सुविधा बनाने का सुझाव दिया।

छेत्री ने खेल मंत्री की घोषणा सुनकर कहा कि यह उनका सर्वश्रेष्ठ जन्मदिन है और इस योजना से भारतीय फुटबॉल में व्यापक बदलाव आयेगा। भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘ प्रतिभा पहचान और सही कोचिंग सबसे महत्वपूर्ण चीज है। अगर हम छह, सात, आठ नौ, दस साल के सभी प्रतिभाशाली बच्चों की पहचान कर सकते हैं और उन्हें सही कोचिंग दे सकते हैं, तो हम काफी आगे जाएंगे।” एशियाई फुटबॉल परिसंघ (एएफसी) के महासचिव दातो विंडसर जॉन ने हालांकि, प्रतिभा खोज कार्यक्रम में गलत लोगों को भेजने को लेकर सवाधान किया।

उन्होंने कहा, ‘‘युवा प्रतिभाओं को तलाशने के लिए गलत लोगों को न भेजें। अच्छे कोच, अच्छे लोगों को इसमें शामिल करें। प्रतिभा तलाशने वाले के पास फुटबॉल कौशल पहचानने की क्षमता होनी चाहिए। ऐसा ना हो कि आप गलत बच्चों का चयन करें जिसके बारे में कुछ वर्षों के बाद पता चले।” उन्होंने कहा, ‘‘ सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आपको गलत खिलाड़ियों का चयन नहीं करना चाहिए।” (एजेंसी )