रांची: तोक्यो में अधूरा रहा मिशन अब पेरिस (Paris Olympics ) में भी पूरा नहीं हो सकेगा। भारतीय महिला हॉकी टीम (Indian Women Hockey Team) यहां एफआईएच क्वालीफायर (FIH Qualifier) में तीसरे स्थान के मुकाबले में जापान से 0 . 1 से हारकर पेरिस ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करने से चूक गई। जापान के लिये छठे मिनट में काना उराता ने पेनल्टी कॉर्नर पर गोल किया जो निर्णायक साबित हुआ। इसके साथ ही तोक्यो ओलंपिक 2020 में चौथे स्थान पर रहकर भारतीय महिला हॉकी टीम ने जो उम्मीदें दिखाई थी, उन पर तुषारापात हो गया।
अमेरिका और जर्मनी फाइनल में पहुंचकर पहले ही क्वालीफाई कर चुके हैं और तीसरी टीम के रूप में जापान ने पेरिस का टिकट कटाया। जापान ने शुरू ही से आक्रामक खेल दिखाकर भारतीय डिफेंस पर दबाव बनाया। इसी क्रम में उसे दूसरे ही मिनट में गोल करने का पहला मौका मिला लेकिन भारतीय कप्तान सविता ने मुस्तैदी से गेंद को दूर कर दिया। भारतीय खिलाड़ियों ने सर्कल के भीतर हमले बोले लेकिन जापानी गोल के आसपास नहीं पहुंच सके। जापान को फिर एक पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन भारतीय रक्षापंक्ति ने गोल नहीं होने दिया।
FIH Women's Hockey Olympics qualifiers | India couldn't qualify for Paris Olympics 2024. Loses to Japan by 0-1.
— ANI (@ANI) January 19, 2024
दो मिनट बाद भारत ने एक और पेनल्टी कॉर्नर गंवाया जिस पर उराता ने सविता के पैरों के बीच से गेंद निकालकर गोल कर दिया। जापानी खिलाड़ियों ने भारतीय डिफेंस को लगातार दबाव में रखा। भारत के पास 12वें मिनट में गोल करने का सुनहरा मौका था जब मोनिका ने दाहिने फ्लैंक से शानदार क्रॉस दिया लेकिन लालरेम्सियामी का शॉट बार के ऊपर से निकल गया। भारत ने दोनों फ्लैंक का इस्तेमाल नहीं किया और ज्यादातर हमले दाहिने फ्लैंक से किये गए।
जापानी खिलाड़ियों ने इस अपेक्षित रणनीति का पूरा फायदा उठाया। दूसरे क्वार्टर में भी जापानी खिलाड़ियों ने दबाव बनाये रखा और शुरू ही में पेनल्टी कॉर्नर बनाया। भारतीयों को दूसरे क्वार्टर में लगातार दो पेनल्टी कॉर्नर मिले। पहले लालरेम्सियामी ने मौका बनाया लेकिन दीपिका के शॉट को जापानी गोलकीपर एइका नकामूरा ने बचा लिया। इसके कुछ सेकंड बाद भारत को मिला दूसरा पेनल्टी कॉर्नर भी नाकाम रहा जब दीपिका गोल नहीं कर सकी। भारतीयों ने शॉर्ट पास देने की बजाय लंबी दूरी से शॉट लगाकर गोल करने के प्रयास किये जो कामयाब होने ही नहीं थे।
ऐसा लग रहा था कि खिलाड़ियों को कुछ सूझ ही नहीं रहा है। तीसरे क्वार्टर के छठे मिनट में भारत को फिर पेनल्टी कॉर्नर मिला और दीपिका फिर नाकाम रही। जापान को भी पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन गोल नहीं हो सका। भारत को 43वें मिनट में लगातार दो पेनल्टी कॉर्नर मिले और इस बार उदिता दुहान नाकाम रही।
चौथे क्वार्टर में पूरा दबदबदा भारत का था लेकिन गोल फिर भी नहीं हो सका। भारत को पूरे मैच में नौ पेनल्टी कॉर्नर मिले लेकिन तब्दीली भारत की परेशानी बनी रही। खेल के आखिरी 11 मिनट में भारत को तीन पेनल्टी कॉर्नर मिले लेकिन दीपिका और उदिता का खराब रिकॉर्ड कायम रहा। आखिरी सीटी बजने से डेढ मिनट पहले सलीमा टेटे के पास बराबरी का गोल दागने का मौका था जब सामने सिर्फ गोलकीपर थी लेकिन उसका शॉट बाहर निकल गया।
(एजेंसी)