अभिनव बिंद्रा: भारत को दिलाया ओलंपिक में पहला ‘स्वर्ण’, पद्म भूषण और खेल रत्न से हो चुके हैं सम्मानित

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    नई दिल्ली: शूटर अभिनव बिंद्रा (Abhinav Bindra) भारत (India) के एकमात्र ऐसे खिलाड़ी थे, जिसने पहली बार इंडिविजुअल गेम में ओलिंपिक में गोल्ड मेडल (Abhinav Bindra Gold Medalist) हासिल किया था। आज यानी 28 सितंबर को अभिनव बिंद्रा का जन्मदिन (Abhinav Bindra Birthday) है। उनका जन्म आज ही के दिन साल 1982 में देहरादून में हुआ था। इस साल वह अपना 40वां जन्मदिन मना रहे हैं। 

    स्कूल से शुरू की शूटिंग की प्रैक्टिस 

    अभिनव बिंद्रा ने चंडीगढ़ जाने से पहले दो साल तक द डून स्कूल में अपनी पढ़ाई की थी। स्कूल में पढ़ाई के दौरान ही उनकी शूटिंग में रूचि होने लगी थी। शूटिंग के प्रति उनका जूनून देखते हुए उनके माता-पिता ने घर में ही शूटिंग रेंज बनवा दिया था, ताकि उन्हें प्रैक्टिस करने में आसानी हो सके। बचपन से ही वह शूटिंग में अपना हाथ आजमाने लगे थे, जो आगे चलकर उनके लिए बहुत फायदेमंद साबित हुआ। 

    विश्व कप में जीता कांस्य पदक

    अभिनव बिंद्रा ने 15 साल की उम्र में ही 1998 के राष्ट्रमंडल खेलों में भाग लिया था। उस दौरान वह सबसे कम उम्र के प्रतिभागी बने थे। हालांकि, उम्र कम थी, लेकिन जज्बा बड़ा था। उन्होंने सबसे बड़ी सफलता तब हासिल की थी, जब वो 2001 के म्यूनिख विश्वकप में 597/600 के नए जूनियर विश्व रिकॉर्ड स्कोर के साथ कांस्य पदक जीता था। इसी साल वे राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड से भी सम्मानित किए गए थे।

    ओलंपिक खेलने का सपना

    साल 2000 में अभिनव ओलंपिक खेलों में सबसे कम उम्र के भारतीय प्रतिभागी थे। उस समय उनकी उम्र केवल 17 साल थी। उन्होंने क्वालीफिकेशन दौर में 11वां स्थान हासिल किया, इसलिए वह फाइनल में नहीं पहुंच पाए थे। क्योंकि, वो टॉप 10 से बाहर हो गए थे। इसके अलावा डॉ अमित भट्टाचार्य उनके कोच रहे थे। बचपन से लेकर बड़े होने तक, कई सालों तक उन्होंने अभिनव को शूटिंग के दांव पेच सिखाए थे।

    ओलंपिक में स्वर्ण पदक 

    अभिनव बिंद्रा ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2002, 2006, 2010 और 2014 में स्वर्ण पदक अपने नाम किया है। 2004 में एथेंस ओलंपिक में अभिनव ने रिकॉर्ड तो कायम किया, लेकिन पदक जीतने से चूक गए थे। लेकिन, इसके बाद साल 2008 के बीजिंग ओलंपिक में उन्होंने केवल 26 साल की उम्र में देश को 10 मीटर एयर राइफल शूटिंग में गोल्ड मेडल जिताया था। उस समय अभिनव देश के एकमात्र ऐसे खिलाड़ी बन गए थे, जिन्होंने व्यक्तिगत रूप से गोल्ड मेडल जीता था।  

    पद्म भूषण से सम्मानित 

    वहीँ, वर्ष 2009 में अभिनव बिंद्रा को पद्म भूषण अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। अभिनव साल 2012 के लंदन ओलंपिक में क्वालीफाई करने से चूक गए थे। साथ ही रियो ओलंपिक में कुछ पॉइंट्स से पीछे रहने की वजह से वह देश को कोई भी मेडल नहीं दिला पाए थे।