नई दिल्ली: भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया (Bajrang Punia Birthday) आज अपना 29वां जन्मदिन मना रहे हैं। उन्होंने भारत के लिए कई मेडल जीतकर देश का नाम पूरी दुनिया में रोशन किया है। हरियाणा में जन्में बजरंग ने कई बार अपनी पहलवानी से अच्छे अच्छे खिलाड़ियों की हालत ख़राब कर दी है।
बजरंग पूनिया (Bajrang Punia) का जन्म 26 फरवरी 1994 को हरियाणा में हुआ था। उनका पालन पोषण झज्जर जिले के खुदान गांव में हुआ था।बजरंग एशिया और कॉमनवेल्थ में गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम दुनियाभर में रोशन कर चुके हैं।
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बजरंग ने साल 2018 के एशियन खेलों में पुरुषों की 65 किलोग्राम वर्ग स्पर्धा के फाइनल में जापान के पहलवान तकातानी डियाची को एकतरफा मुकाबले में 11-8 से शिकस्त दी। इतना ही नहीं वह एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाले भारत के 9वें पहलवान है।
बजरंग (Bajrang Punia) ने अपना यह गोल्ड मेडल पूर्व प्रधानमंत्री स्व॰ अटल बिहारी वाजपेयी को समर्पित किया। वर्तमान में, वह भारतीय रेलवे में राजपत्रित अधिकारी ओएसडी स्पोर्ट्स के पद पर काम करते हैं।
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बता दें कि, बजरंग को कुश्ती विरासत में मिली है। उनके पिता बलवान पूनिया भी एक पहलवान हुआ करते थे। उनके भाई हरेंद्र पुनिया भी एक पहलवान हैं। हालांकि, आर्थिक तंगी और खराब हालातों की वजह से उन्हें कभी खुद को साबित करने का मौका नहीं मिला। बजरंग को पहलवान बनाने के लिए उनके पिता ने काफी तकलीफों का सामना किया।
बजरंग पुनिया (Bajrang Punia) ने 7 साल की उम्र में ही कुश्ती खेलना चालू कर दिया था। बजरंग जब कुश्ती सिख रहे थे, तब उनके घर की आर्थिक हालत ठीक नहीं थी। लेकिन, उनके पिता अपने बेटे के सपने को टूटने नहीं दिया। बजरंग के पिता कई दूर तक साइकिल से सफर करते थे। ताकि वह पैसे बचाकर अपने बेटे को अच्छी डाइट दे सकें। बजरंग को घी और दूध समय पर मिले इसके लिए परिवार ने कई सालों तक अपने हालातों से समझौता किया था।
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बजरंग पुनिया साल 2013 में सबकी नजरों में आए। उन्होंने साल 2013 में 2013 में 60 किग्रा भार वर्ग में विश्व चैंपियनशिप का कांस्य पदक जीतकर कमाल कर दिखाया। महज 19 साल की उम्र में किए इस कमाल से ओलंपियन योगेश्वर दत्त बेहद प्रभावित हुए थे। जिसके बाद उन्होंने बजरंग को अपनी निगरानी में ट्रेनिंग देना शुरू किया।
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बजरंग पूनिया (Bajrang Punia) ने साल 2014 में ग्लासगो में आयोजित हुए राष्ट्रमंडल खेलों में अपने शानदार प्रदर्शन को जारी रखा। उन्होंने पुरुषों के 61 किग्रा वर्ग में रजत पदक जीता था। हालांकि, साल 2015-16 उनके लिए कुछ खास अच्छा नहीं रहा। वह इस दौरान कोई मेडल नहीं जीत पाए। लेकिन, 2017 एशियाई कुश्ती चैम्पियनशिप में उन्होंने स्वर्ण पदक जीतकर शानदार वापसी की।
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पहलवान बजरंग पूनिया ने साल 2018 में राष्ट्रमंडल खेलों के साथ-साथ एशियाई खेलों में पुरुषों की फ्रीस्टाइल 65 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक जीता। इसके बाद बजरंग पूनिया ने साल 2018 और 2019 में विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में रजत पदक जीता। बजरंग विश्व कुश्ती चैंपियनशिप जैसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में तीन पदक हासिल करने वाले एकमात्र भारतीय पहलवान हैं।
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बजरंग पुनिया को अर्जुन अवार्ड, पद्मश्री पुरस्कार, राजीव गांधी खेल रत्न, मेजर ध्यानचंद खेल रत्न से सम्मानित किया गया है। बजरंग पूनिया ने अब तक अलग-अलग गेम्स में कुल 3 ब्रॉन्ज मेडल, 4 सिल्वर मेडल और 5 गोल्ड मेडल जीते हैं। उन्होंने 25 नवंबर 2020 को लॉकडाउन के दौरान संगीता फोगाट के साथ पूरे रस्मो रिवाज से शादी की थी। उनकी शादी में मात्र 21 बाराती शामिल हुए थे।