मनोज कुमार: शुरूआती दिनों की बॉक्सिंग ट्रेनिंग में करते थे साइकिल के टायर का इस्तेमाल, कॉमनवेल्थ गेम्स में जीता गोल्ड मेडल

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    नई दिल्ली: भारतीय बॉक्सर मनोज कुमार (Boxer Manoj Kumar) का आज यानी 10 दिसंबर को जन्मदिन (Manoj Kumar Birthday) है। उनका जन्म आज ही के दिन साल 1986 में हरियाणा (Haryana) के कैथल जिले में एक छोटे से गांव राजोंड में हुआ था। मनोज का पहले से ही पूरा ध्यान एथलेटिक्स की तरफ ही था। लेकिन, वह नज़र में तब आए जब उन्होंने साल 2010 में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स (Commonwealth Games) में बॉक्सिंग में गोल्ड मेडल (Gold Medal) जीता था। उन्होंने कई मैडल अपने नाम किए हैं। 

    मनोज कुमार के पिता शेर सिंह भारतीय आर्मी से रिटायर एक जवान हैं। वहीं एथलेटिक्स की तरफ उनका ध्यान आकर्षित करने में उनके बड़ा भाई राजेश कुमार का पूरा हाथ था। उनके बड़े भाई ने यूनिवर्सिटी चैंपियनशिप में बॉक्सिंग में गोल्ड मेडल भी जीता था। इस मेडल को जीतने के बाद राजेश को लगा कि वह एक दिन राष्ट्रीय टीम का हिस्सा बन जाएंगे, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। इसके बाद उन्होंने अपने छोटे भाई मनोज कुमार को बॉक्सिंग में लेकर आये। 

    मनोज के बड़े भाई राजेश ने उन्हें बॉक्सिंग में ट्रेनिंग दी और जूड़ो को पीछे छोड़ने में काफी मदद की। मनोज पहले जूड़ो का अभ्यास किया करते थे, लेकिन अगर वह आप बॉक्सिंग का एक जाना पहचाना नाम बने हैं तो वह सिर्फ अपने बड़े भाई राजेश की वजह से। इसका पूरा श्रेय उनको जाता है। मनोज अपनी शुरूआती दिनों की ट्रेनिंग के लिए साइकिल के टायरो का इस्तेमाल किया करते थे। 

    मनोज कुमार पर सबसे पहले सभी की नजर तब पड़ी जब उन्होंने 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता। इसके बाद मनोज ने साल 2011 में हुई अमेटर बॉक्सिंग चैंपियनशिप में क्वॉटर फाइनल तक का सफर भी तय किया। लंदन में हुए साल 2012 के ओलंपिक खेल में भी मनोज शामिल थे, जिसमें उन्हें उस समय के नंबर 1 बॉक्सर खिलाड़ी से राउंड 16 में हार का सामना करना पड़ा। उसके बाद साल 2014 के कॉमनवेल्थ गेम्स में भी मनोज ने हिस्सा लिया जिसमें उन्हें राउंड 16 से बाहर होना पड़ा। फिर साल 2016 में साउथ एशियन गेम्स में मनोज ने अपनी कैटेगरी में गोल्ड मेडल जीता। साल 2018 में भारत में हुए इंडिया ओपन इंटरनेशनल बॉक्सिंग टूर्नामेंट में मनोज कुमार ने कांस्य पदक जीता था।