Brij Bhushan Sharan Singh says I will not discuss about wrestling with Home Minister
भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व आध्यक्ष और सांसद बृज भूषण शरण सिंह

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नयी दिल्ली: भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के निवर्तमान अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Singh) ने सोमवार को कहा कि उनके परिवार का कोई सदस्य राष्ट्रीय खेल संस्था के आगामी चुनाव (WFI Elections) में दावेदारी पेश नहीं करेगा लेकिन उन्होंने दोहराया कि उनके गुट को 22 राज्य संघों का समर्थन हासिल है।

भारतीय जनता पार्टी के सांसद बृज भूषण ने दावा किया है कि रविवार को उनकी मेजबानी में हुई बैठक में 25 राज्य इकाइयों में से 22 ने हिस्सा लिया। उन्होंने साथ ही कहा कि महासंघ के 12 अगस्त को होने वाले चुनावों के विभिन्न पदों के लिए ‘उनके उम्मीदवारों’ की घोषणा सोमवार को की जाएगी।

बृज भूषण सोमवार को डब्ल्यूएफआई चुनावों के लिए नामांकन के अंतिम दिन यहां भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के कार्यालय भी गए। बृज भूषण ने कहा, ‘‘आज नामांकन का अंतिम दिन है, 22 राज्य संघों के सदस्य यहां थे और वे मिलने के लिए आए हैं और अब अपना नामांकन भरने जा रहे हैं। इनमें मेरे परिवार का कोई सदस्य नहीं है।”

उन्होंने कहा, ‘‘पहले चुनाव होने दीजिए और फिर जो भी जीतेगा वह अपना काम करेगा।” ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक तथा एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता विनेश फोगाट सहित देश के शीर्ष छह पहलवानों ने बृज भूषण पर कथित रूप से यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे और जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन भी किया था। बृज भूषण हालांकि चुनाव लड़ने के पात्र नहीं हैं क्योंकि वह राष्ट्रीय महासंघ के प्रमुख के तौर पर 12 साल पूरे कर चुके हैं जो राष्ट्रीय खेल संहिता के तहत पद पर बने रहने के लिए अधिकतम समय है।

बृज भूषण का बेटा करण भी मतदाता सूची का हिस्सा नहीं है क्योंकि खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने जंतर-मंतर पर धरना दे रहे पहलवानों को वादा किया था कि भारतीय जनता पार्टी के नेता के परिवार का कोई सदस्य चुनाव नहीं लड़ेगा। डब्ल्यूएफआई के शीर्ष पद के लिए बृज भूषण के उत्तराधिकारी माने जा रहे उनके दामाद विशाल सिंह (बिहार कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष) भी 12 अगस्त को होने वाले चुनाव में किसी शीर्ष पद के लिए दावेदारी पेश नहीं करेंगे। बृज भूषण के उम्मीदवारों को हालांकि विरोधी गुट से चुनौती मिलेगी जो कथित तौर पर यहां विभिन्न स्थलों पर बैठक कर रहे हैं। इस बैठक में कथित तौर पर असम, ओडिशा और हिमाचल प्रदेश की राज्य इकाइयों ने हिस्सा लिया। (एजेंसी)