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    नई दिल्ली: भारत में बिजली संकट (Electricity Shortage) ने चिंता बढ़ा दी है। इससे पहले रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, ऊर्जा मंत्री आरके सिंह और कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी के साथ बीते मंगलवार को गृहमंत्री अमित शाह ने अहम बैठक की थी। इन सब के बीच बिजली संकट के मसले पर सियासी बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है। छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने कहा कि राज्यों पर वित्तीय बोझ बढ़ेगा और बिजली महंगी हो जाएगी। 

    ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि देश के कोयले की कीमत 3,000-4,000 रुपए प्रति टन है जबकि विदेशों में 15,000-20,000 रुपए प्रति टन है, इससे राज्यों पर वित्तीय बोझ बढ़ेगा और बिजली महंगी हो जाएगी। पिछला समय तो संभल गया था लेकिन अब जो स्थिति है वो बहुत भयावह होने वाली है। 

    भूपेश बघेल की पूरे मामले पर प्रतिक्रिया-

    उन्होंने कहा कि कई राज्यों में चंद दिनों का कोयला ही बचा हुआ है। देश में जो पावर प्लांट हैं उसके अलावा दूसरे जो प्लांट हैं उसमें कोयले की कटौती की गई है या फिर बंद कर दी गई है, जिसका ओद्योगिक गतिविधियों पर दुष्प्रभाव पड़ेगा।

    गौरतलब है कि पिछले साल भी ठीक इसी तरह अक्टूबर महीने में बिजली का संकट गहराया था। कई राज्यों में बिजली की बहुत दिक्कतें हैं। यही कारण है कि पॉवर प्लांट में कोयला की सप्लाई होने के कारण आने वाले वक्त में बिजली का संकट बढ़ने की पूरी संभावना है।