Kejriwal is spending most of his time in Tihar Jail reading books doing yoga and meditating
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल

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नई दिल्ली. दिल्ली की एक अदालत ने आबकारी नीति मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ईडी की हिरासत बृहस्पतिवार को एक अप्रैल तक बढ़ा दी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख केजरीवाल की सात दिन की हिरासत का अनुरोध किया, लेकिन अदालत ने कहा कि उन्हें एक अप्रैल को दिन में 11 बजे अदालत में पेश करना होगा। ईडी ने केजरीवाल को राउज एवेन्यू अदालत की विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा के समक्ष पेश किया क्योंकि उनकी छह दिन की वर्तमान हिरासत बृहस्पतिवार को समाप्त हो रही थी।

ईडी ने हिरासत के लिए नयी अर्जी में कहा कि हिरासत में पूछताछ के दौरान पांच दिन तक मुख्यमंत्री के बयान दर्ज किए गए और वह जवाब देने में टालमटोल कर रहे थे। ईडी ने कहा कि हिरासत अवधि के दौरान मामले से संबंधित तीन अन्य व्यक्तियों के बयान भी दर्ज किए गए। संघीय एजेंसी ने कहा कि हिरासत के दौरान केजरीवाल का सामना पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के तत्कालीन निजी सचिव सी अरविंद से कराया गया, जिन्हें मुख्यमंत्री के आवास पर 2021-22 की आबकारी नीति के लिए मंत्रियों के समूह (जीओएम) की मसौदा रिपोर्ट सौंपी गई थी। ईडी ने कहा कि केजरीवाल की हिरासत के दौरान, 2022 के गोवा चुनाव में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों में से एक का बयान भी दर्ज किया गया।

जांच एजेंसी ने कहा कि इससे पता चला कि उम्मीदवार के पास धन नहीं था और उसका चुनाव खर्च “आप कार्यालय दिल्ली द्वारा अपने सहयोगियों के माध्यम से वहन किया गया।” अर्जी में कहा गया कि हिरासत के दौरान मुख्यमंत्री की पत्नी के मोबाइल फोन से जुटाए गए डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है।

ईडी ने कहा, “हालांकि, 21 मार्च को केजरीवाल के परिसरों की तलाशी के दौरान जब्त किए गए अन्य चार डिजिटल उपकरणों (केजरीवाल से संबंधित) का डेटा अभी तक हासिल नहीं किया जा सका है क्योंकि केजरीवाल ने अपने वकीलों से परामर्श करने के बाद पासवर्ड और लॉगिन की जानकारी प्रदान करने के लिए समय मांगा है।” अर्जी में कहा गया कि केजरीवाल से मांगी गई चल और अचल संपत्ति का विवरण, आयकर रिटर्न (आईटीआर) और अन्य वित्तीय विवरण अभी तक मुख्यमंत्री या उनके परिवार के सदस्यों द्वारा प्रदान नहीं किया गया है।

ईडी ने कहा कि उसने मुख्यमंत्री से उनके कार्यालय में ऑनलाइन पोर्टल को लेकर की गई नियुक्तियों के संबंध में विवरण मांगा था। अर्जी में कहा गया है कि पूछताछ के दौरान, पंजाब के वरिष्ठ आबकारी अधिकारियों को समन जारी किया गया, जो “दिल्ली के कुछ (शराब) थोक विक्रेताओं पर दबाव बनाने में शामिल थे।”

ईडी ने कहा कि रिश्वत की मांग पूरी नहीं होने पर इन अधिकारियों ने या तो उनकी फैक्टरी बंद करा दीं या थोक विक्रेताओं को अपना माल पंजाब भेजने की अनुमति नहीं दी। अर्जी में कहा गया कि संबंधित अधिकारियों ने संगरूर में जहरीली शराब से मौतों के मामले का हवाला देते हुए समन पर जवाब देने का समय मांगा है। अर्जी में कहा गया, “इन वजहों या निष्कर्षों के मद्देनजर गिरफ्तार व्यक्ति (केजरीवाल) से और पूछताछ करने की जरूरत है। इसलिए, जांच के हित में यह जरूरी है कि ईडी को अरविंद केजरीवाल की और सात दिन की हिरासत प्रदान की जाए।” (एजेंसी)