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प्रतीकात्मक तस्वीर

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नई दिल्ली. दिल्ली की एक अदालत (Delhi Court) ने सोमवार को शराब कंपनी पेरनोड रिकार्ड के अधिकारी बिनॉय बाबू (Binoy Babu) को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया। बिनॉय बाबू को कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से संबंधित धन शोधन मामले (money laundering case) में गिरफ्तार किया गया था जिसमें आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह भी शामिल हैं। बाबू पहले साढ़े चार महीने के लिए चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत पर थे जिन्होंने दावा किया था कि उन्हें जबड़े की हड्डी और मसूडों से संबंधित बीमारी है।

विशेष न्यायाधीश एम. के. नागपाल ने यह कहते हुए अर्जी खारिज कर दी कि चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत देने के लिए यह उपयुक्त मामला नहीं है। न्यायाधीश ने कहा कि इस मामले में हालांकि शुरुआत में कुछ अन्य आरोपियों को चिकित्सा आधार पर जमानत दी गई थी और यहां तक कि उच्च न्यायालयों ने इसे कुछ समय के लिए बढ़ा दिया था, लेकिन बाद में उनके आवेदनों को “न केवल उच्च न्यायालय बल्कि इस अदालत द्वारा भी कड़ी टिप्पणियों के साथ खारिज कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि इस तरह के बार-बार आवेदन देकर कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग किया जा रहा है।

न्यायाधीश ने कहा कि इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि आवेदक धन शोधन के एक गंभीर मामले में हिरासत में है और ऐसे आरोप हैं कि वह सक्रिय रूप से इसमें शामिल था। बाबू को प्रवर्तन निदेशालय ने 10 नवंबर, 2022 को गिरफ्तार किया था और वर्तमान में वह न्यायिक हिरासत में है। अदालत ने यह भी कहा कि उसकी नियमित जमानत याचिका उच्चतम न्यायालय में सुनवाई के लिए लंबित है। हालांकि,न्यायाधीश ने बाबू को दिल्ली-एनसीआर में अपनी पसंद के किसी भी निजी चिकित्सक या अस्पताल से इलाज कराने की अनुमति दे दी जिससे संबंधित खर्च वह या फिर उसका परिवार वहन करेगा। (एजेंसी)