दिल्ली: केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची केजरीवाल सरकार, 3 जुलाई को जलाएंगे अध्यादेश की प्रतियां

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नई दिल्ली: दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार (Delhi Government) ने अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग के अधिकार को लेकर केंद्र द्वारा लाए गए अध्यादेश (Centre Ordinance) के खिलाफ शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का रुख किया है। 

केजरीवाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश पर तत्काल रोक लगाये जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह अध्यादेश असंवैधानिक है।

इससे पहले 19 मई को केंद्र की मोदी सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में आईएएस और उसके समकक्ष अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग का अधिकार लेते हुए एक अध्यादेश जारी किया था। वही, केंद्र के इस कदम को अरविंद केजरीवाल सरकार ने सेवाओं के नियंत्रण पर शीर्ष अदालत के फैसले का उल्लंघन बताया था।  केंद्र के इस अध्यादेश को जारी किए जाने से कुछ दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में पुलिस, कानून-व्यवस्था और भूमि को छोड़कर अन्य सभी सेवाओं का नियंत्रण दिल्ली सरकार को सौंप दिया था।

अरविंद केजरीवाल मांगा विपक्षी दलों का समर्थन

इस अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल कई विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात भी कर चुके हैं। बिहार के सीएम नीतीश कुमार, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन समेत कई विपक्षी नेताओं ने आम आदमी पार्टी के समर्थन में हामी भरी है। 

जलाएंगे अध्यादेश की कॉपी

आम आदमी पार्टी पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी की सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में अध्यादेश की प्रतियां जलाई जाएंगी। उन्होंने कहा, ‘‘तीन जुलाई को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, कैबिनेट मंत्री और सभी विधायक आईटीओ स्थित पार्टी कार्यालय पर इस काले अध्यादेश की प्रतियां जलाएंगे।” उन्होंने कहा कि उसके बाद 5 जुलाई को सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में अध्यादेश की प्रतियां जलाई जाएंगी। 6 जुलाई से 13 जुलाई के बीच दिल्ली के हर नुक्कड़ और कोने में अध्यादेश की प्रतियां जलाई जाएंगी।