अहमदाबाद: ओरेवा समूह (Oreva Group) ने मंगलवार को गुजरात उच्च न्यायालय (Gujarat High Court) को सूचित किया कि उसने मोरबी पुल हादसे (Morbi Bridge Collapse) के पीड़ितों को अंतरिम मुआवजे के रूप में दिए जाने वाले 14.62 करोड़ रुपये राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के पास जमा कर दिए है। उच्च न्यायालय (High Court) ने फरवरी में समूह को यह निर्देश दिया था। पिछले साल 30 अक्टूबर को मोरबी शहर में एक पुल गिर गया था जिसमें 135 लोगों की मौत हो गई थी।
ब्रिटिश कालीन उस पुल के संचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी ओरेवा समूह पर थी। कंपनी ने कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ए जे देसाई और न्यायमूर्ति बीरेन वैष्णव की पीठ को सूचित किया कि उसने पीड़ितों को अंतरिम राहत के रूप में भुगतान की जाने वाली पूरी राशि (14.62 करोड़ रुपये) गुजरात राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के पास जमा कर दी है। कंपनी के अनुसार दो समान किस्तों में यह राशि जमा कराई गई।
अदालत ने कहा कि पीठ के 22 फरवरी के आदेश के अनुसार राशि वितरित की जाएगी। अदालत ने अपने उस आदेश में, गुजरात राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव को पीड़ितों के उचित सत्यापन के बाद जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं संबंधित सरकारी अधिकारियों के समन्वय से राशि का वितरण सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था।
अदालत ने 22 फरवरी 2023 को कंपनी को 135 मृतकों में से प्रत्येक के परिवार को अंतरिम मुआवजे के तौर पर 10 लाख रुपये और उस हादसे में घायल हुए 56 लोगों में से प्रत्येक को दो लाख रुपये देने का निर्देश दिया था। इस बीच, राज्य सरकार ने मंगलवार को अदालत को सूचित किया कि उसने अपने 11 अप्रैल के आदेश के अनुसार मोरबी नगरपालिका को भंग कर दिया है। (एजेंसी)