नई दिल्ली: सोशल मीडिया (Social Media) पर अक्सर कई तस्वीरें और वीडियोज वायरल होते है। जिसे देख इस बात का यकीन होता है, कि आज भी दुनिया में इंसानियत जिंदा है। लोग दूसरों की मदद करने के लिए आगे आते है। ऐसे लोगों को देखकर काफी अच्छा लगता है।अब सोशल मीडिया पर एक सिविल इंजीनियर (Civil Engineer) के नेक काम की काफी तारीफ हो रही है। गुजरात (Gujarat) के वडोदरा (Vadodara) में एक सिविल इंजीनियर बच्चों को फुटपाथ पर फ्री में शिक्षा दे रहा हैं।
सोशल मीडिया पर गुजरात के लड़के के नेक काम की चर्चा हो रही है। इस सिविल इंजीनियर का नाम निकुंज त्रिवेदी हैं। निकुंज ने बताया कि, वह चाहते हैं कि राज्य के गरीब बच्चे भी शिक्षित बनें। उनके पास केजी से लेकर 10वीं कक्षा तक के बच्चे पढ़ने आते हैं। बच्चों की संख्या 100 के आस-पास है। इसमें कुछ बच्चे सरकारी और निजी स्कूलों में पढ़ते हैं। खास बात यह है कि, निकुंज किसी भी बच्चे से पैसा नहीं लेते हैं। उनकी कोशिश रहती है कि वे सभी को समय दें और अच्छी शिक्षा दें।
I teach the students of std 5-10 their syllabus & clear the basics of younger students; make them write in Gujarati, English & Hindi. Public helps us (financially) & I pay the school fees of 5-6 students. Students who I taught before are now helping me to teach: Nikunj Trivedi pic.twitter.com/zsVkSELav5
— ANI (@ANI) June 26, 2022
निकुंज ने आगे बताया कि, उनके पास कुछ ऐसे बच्चे कोचिंग पढ़ने आते हैं, जिनके माता-पिता बेहद गरीब है।वह उन्हें ट्यूशन की फीस नहीं दे पाते हैं। इसलिए उन्होंने सभी बच्चों को फ्री में ट्यूशन पढ़ाने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि वह यहां 8 महीने से इन बच्चों को पढ़ा रहे हैं और इससे पहले एक मंदिर परिसर में वे चार साल से बच्चों को मुफ्त में पढ़ा रहे थे।
सिविल इंजीनिय ने बताया कि वह कक्षा 5-10 के छात्रों को उनका पाठ्यक्रम पढ़ाते हैं। वहीं, छोटे बच्चों को बेसिक शिक्षा देते हैं। छोटे बच्चों के गुजराती,अंग्रेजी और हिंदी में लिखने पढ़ने की चीजें सिखाते हैं। निकुंज ने बताया कि, ‘वह कुछ 5-6 छात्रों की स्कूल फीस भी वह भर रहे हैं। जिन छात्रों को मैंने पहले पढ़ाया था, वे अब मुझे पढ़ाने में मदद कर रहे हैं।’ मालूम हो कि, बच्चों को मुफ्त में पढ़ाने वाले निकुंज त्रिवेदी नौकरी भी करते हैं। वह नौकरी के साथ बच्चों को मुफ्त में पढ़ा रहे हैं।