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Pic: East Springfield Veterinary Hospital

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    भोपाल. सुनने में अजीब लग सकता है, लेकिन यह हकीकत है कि विदेशी नस्लों के कई महंगे कुत्तों और बिल्लियों का इलाज उनके मालिक अपना बीपीएल कार्ड (BPL Card) दिखाकर यहां के एक पशु चिकित्सा अस्पताल में रियायती दरों पर करवा रहे हैं। इस अस्पताल के पशु चिकित्सकों का कहना है कि वे ऐसे जानवरों को रियायती दर पर उपचार से इंकार नहीं कर सकते हैं क्योंकि उनके मालिक बीपीएल कार्ड दिखाते हैं, जो उन्हें सरकारी अधिकारियों द्वारा विधिवत जारी किए जाते हैं।

    इस साल 26 फरवरी से 31 मार्च के बीच, यहां के राज्य पशु अस्पताल में बीपीएल योजना के तहत कुत्तों, बिल्लियों, बकरियों, खरगोशों, भेड़ों और मेमनों सहित कुल 84 जानवरों का केवल एक ही पाली के दौरान चिकित्सीय जांच एवं उपचार किया गया। सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी भरत सिंह ने शनिवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘अस्पताल जानवरों के इलाज के लिए चार पालियों में चलता है। 26 फरवरी से 31 मार्च तक दोपहर एक बजे से शाम सात बजे की पाली में 37 कुत्तों, 20 बकरा-बकरियों, खरगोश एवं चूहों सहित 26 अन्य जानवरों और एक भेड़ के मालिकों ने बीपीएल कार्ड दिखाकर रियायतों का लाभ उठाया है।”

    अस्पताल में लगाई गई शुल्क सारिणी के अनुसार, गरीबी रेखा से ऊपर (एपीएल) के लोगों से अपने कुत्तों के इलाज के लिए पंजीकृत कराने पर 20 रुपये लिए जाते हैं, जबकि बीपीएल कार्ड धारकों से कोई शुल्क नहीं लिया जाता। एपीएल श्रेणी के लोगों के स्वामित्व वाले घरेलू जानवरों के लिए एक्स-रे शुल्क 150 रुपये है, जबकि बीपीएल कार्ड धारकों के लिए मात्र 30 रुपये है। इसी तरह, एपीएल कार्ड धारकों के जानवरों के लिए सीटी स्कैन के लिए शुल्क 1,600 रुपये प्रति पशु है, जबकि बीपीएल श्रेणी के लिए यह केवल 1,200 रुपये हैं।

    ऑपरेशन करने में भी यह छूट दी जाती है। एपीएल श्रेणी के लोगों से उनके घरेलू जानवरों के बड़े फ्रैक्चर ऑपरेशन के लिए 1,000 रुपये लिए जाते हैं, जबकि बीपीएल कार्ड धारक इसके लिए केवल 500 रुपये का भुगतान करते हैं। एपीएल श्रेणी के व्यक्ति को अपने घरेलू पशु का रूधित शर्करा (ब्लड शूगर) जांच कराने के लिए 50 रुपये का भुगतान करना पड़ता है, जबकि बीपीएल कार्ड धारक के लिए यह सिर्फ 30 रुपये है।

    अस्पताल के संयुक्त निदेशक डॉ. एच एल साहू ने बताया, ‘‘इस अस्पताल में रोजाना करीब 500 जानवरों को इलाज के लिए लाया जाता है, जिनमें से कम से कम 10 जानवरों को बीपीएल कार्ड धारकों द्वारा लाया जाता है।” अस्पताल के एक अन्य पशु चिकित्सक ने कहा कि कम से कम 40,000 रुपये की कीमत के सेंट बर्नार्ड जैसी विदेशी नस्लों वाले कुत्तों के मालिक भी अपना बीपीएल कार्ड दिखाकर अपने इन कुत्तों के इलाज के लिए इस अस्पताल में आते हैं और रियायतें प्राप्त करते हैं।

    उन्होंने कहा, ‘‘हम कुछ नहीं कर सकते हैं। हम ऐसे महंगे कुत्तों एवं विदेशों से आयात की गई पर्शियन बिल्लियों का रियायत दर पर उपचार करने से इंकार नहीं कर सकते हैं, क्योंकि जो लोग इनका इलाज करवाने के लिए लाते हैं उनके पास बीपीएल कार्ड हैं जो सरकारी अधिकारियों द्वारा उन्हें विधिवत रूप से जारी किए गए हैं।” पशु चिकित्सक ने कहा कि इस अस्पताल की पशु रोगी कल्याण समिति की बैठक में जल्द ही एक प्रस्ताव लाकर बीपीएल कार्ड धारकों को उनके महंगे कुत्ते और बिल्लियों के उपचार के लिए दी जाने वाली रियायत को खत्म करने पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे अनावश्यक रूप से सरकारी खजाने पर बोझ पड़ रहा है और रियायत खत् करने से यह राशि बचेगी।