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    नई दिल्ली/ग्वालियर : वैसे तो आप सभी मुरैना जिले की पहचान बागी पान सिंह तोमर की कहानी से वाकिफ हैं। कैसे एक अकेले फौजी ने सिस्टम की तानाशाही और नाइंसाफी के खिलाफ बगावत पर उतर आया था और वे बागी बन गए थे। ऐसा ही कुछ मामला ग्वालियर कलेक्टर (Ex-serviceman in front of Gwalior Collector) की जनसुनवाई के दौरान सामने आया है।

    यहाँ एक रिटायर्ड फौजी ने ग्वालियर कलेक्टर को फिर से यही चेतावनी दी है। इस रिटायर्ड फौजी ने कहा है कि, सिस्टम के माफिया और पुलिस वाले अब मुझे पान सिंह तोमर बनने के लिए मजबूर कर रहे हैं, क्या मुझे अपने परिवार की हक की लड़ाई के लिए फिर से बंदूक (take up gun and become Paan Singh Tomar) को उठाना पड़ेगा।

    इस जनसुनवाई के दौरान रिटायर्ड फौजी की इस बात को सुन कलेक्टर के भी कुछ समय के लिए होश फाख्ता हो गए। इसके बाद उन्होंने तत्काल क्षेत्रीय SDM को मामले की पूरी जांच के आदेश दिए और दोषियों को उनके चैंबर में भी हाजिर करवाने के आदेश दिए। इतना ही नहीं मामले पर कलेक्टर साहब इस कदर एक्शन में आए कि उन्होंने SDM को यह भी निर्देश दिए कि आने वाले दो दिन के अंदर फौजी साहब को उनके प्लॉट पर उनका कब्जा जरुर से दिलाया जाए।

    घटना के अनुसार ग्वालियर के लाल टिपारा गौशाला के पास रहने वाले रिटायर्ड फौजी रघुनाथ सिंह तोमर कलेक्टर की जनसुनवाई में अपनी अनसुनी गुहार लेकर पहुंचे थे। यहां उन्होंने अपने शिकायती आवेदन में कलेक्टर को बताया कि, उन्होंने साल 2011 में साईं नगर में एक प्लॉट खरीदा था। इसका विक्रय अरविंद गुर्जर, भूपेंद्र बघेल और जसवंत सिंह के माध्यम से हुआ था। रघुनाथ सिंह तोमर पिछले साल अगस्त महीने में फौज से रिटायर होकर वापस अपने घर आए। इसके बाद खरीदे गए प्लॉट पर अपना मकान बनाने की तैयारी शुरू की थी।

    लेकिन घर का काम शुरू करने जब रघुनाथ सिंह तोमर प्लॉट पर पहुंचे तो पाया कि वहां पर माफिया और दबंगों ने अपना कब्जा कर लिया है। यह कब्जा भी प्लॉट बेचने वाले अरविंद जसवंत और भूपेंद्र के इशारे पर ही होने का उन्होंने संगीन आरोप लगाया है। रिटायर्ड फौजी रघुनाथ सिंह तोमर ने यह भी कहा कि, बदमाशों ने उस प्लॉट को अब कई बार रीसेल करते हुए बेच भी दिया है। इसकी वजह से जब भी वह अपने प्लॉट पर मकान बनवाने के लिए पहुंचते तो उन्हें जान से मारने की धमकी और मारपीट पर वहां मौजूद उतारू हो जाते हैं।

    रिटायर्ड फौजी रघुनाथ सिंह तोमर ने यह भी बताया कि कई बार इसे मामले को लेकर थाने से लेकर प्रशासन तक शिकायती आवेदन दिया है। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। ऐसे में उन्हें अब पान सिंह तोमर की तरह बागी होने पर मजबूर किया जा रहा है, यदि अब उन्हें प्रशासन और पुलिस से मदद नहीं मिलती है तो वह निश्चित रूप से बंदूक उठाने को मजबूर हो जाएंगे। माले कि गंभीरता को देख प्रशासन भी अब सकते में है।