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मध्यप्रदेश में दिग्विजय सिंह के प्रचार के दौरान एक पूर्व मंत्री ने जनता के सामने ही कमीशनखोरी की पोल खोल कर रख दी है. इस पूर्व मंत्री ने कहा कि विधायक व सांसद लेते हैं कमीशन, मैंने भी लिया है.

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राजगढ़, मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के एक पूर्व मंत्री ने दावा किया है कि सांसदों और विधायकों को प्रत्येक बस स्टॉप के निर्माण के लिए एक लाख रुपये का कमीशन मिलता है और उन्होंने खुद भी इस तरह की थोड़ी-बहुत राशि ली है। पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी (Kailash Joshi) के बेटे और पूर्व मंत्री दीपक जोशी (Deepak Joshi) ने शनिवार को कांग्रेस के राजगढ़ लोकसभा उम्मीदवार दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) के लिए प्रचार करते हुए यह टिप्पणी की।

उन्होंने कहा, “आपको सब को पता है या नहीं? किसी सांसद और विधायक को सबसे बड़ा कमीशन अपने क्षेत्र में बस स्टॉप के निर्माण से मिलता है। मैं झूठ नहीं बोलूंगा। मैंने भी इसमें से कुछ लिया है।” जोशी ने राजगढ़ के निवर्तमान सांसद रोडमल नागर पर निर्वाचन क्षेत्र के लिए कोई काम नहीं करने का आरोप लगाया। नागर को भाजपा ने फिर से उम्मीदवार बनाया है। जोशी पिछले साल विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा से कांग्रेस में शामिल हुए थे। वह चुनाव में हार गए थे। राजगढ़ निर्वाचन क्षेत्र में लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में सात मई को मतदान होगा।

कौन हैं दीपक जोशी

जानकारी दें कि, पूर्व मंत्री दीपक जोशी पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के बेटे हैं, जोशी 2003 में देवास जिले की बागली से पहली बार MLA बने थे। इसके बाद हाटपीपल्या सीट से 2008 व 2013 में फिर MLA बने फिर 2013 में शिवराज सरकार में शिक्षा मंत्री भी रहे। लेकिन फिर साल साल 2018 के चुनाव वह कांग्रेस उम्मीदवार मनोज चौधरी से हार गए।

इसके बाद फिर साल 2020 में राज्य की कमलनाथ सरकार गिरने के बाद कांग्रेस नेताओं के BJP में आने के दौरान विधायक मनोज चौधरी ने भी भाजपा में आ गए, बस तभी से ही जोशी का BJP से मन खट्टा हो गया फिर जैसे ही साल 2020 के उपचुनाव में BJP ने मनोज चौधरी को टिकट दिया। नाराज दीपक जोशी ने साल 2023 की विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस का हाथ वापस थाम लिया।