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इंदौर: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर मंदिर हादसे (Indore temple accident) को लेकर राजनीति (Politics) शुरू हो गई है। यहां आगामी दिनों में विधानसभा चुनाव होने वाला है ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस दोनों की इस मौके को हाथ से नहीं जाने देना चाहते। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) हादसे में मारे गए लोगों के परिवार से मुलाक़ात की और राजनीतिक तरीके से बड़ा एलान कर दिया। बता दें कि रामनवमी के दिन इंदौर में हुए इस हादसे में कई लोगों की मौत हुई थी। पीएम मोदी ने भी इस घटना को लेकर संज्ञान लिया था और दुख जताया था। फ़िलहाल आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए इस घटना पर राजनीति शुरू हो गई है।    

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इंदौर मंदिर हादसे के पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दबाव के चलते अवैध निर्माण के नोटिस दबा दिए गए। हमारी सरकार आने पर हम रेपिड रेस्क्यू फोर्स (rapid rescue force) बनाएंगे जिससे बल 15 मिनट में पहुंच जाए।

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मध्य प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री भोपाल आ रहे हैं वह बताएं कि क्यों और किसलिए आ रहे हैं। पीड़ित लोगों ने बताया कि शिवराज सिंह जी ने इन लोगों से बात तक नहीं की। वह सोचते हैं कि सिर्फ मीडिया के सामने आ जाएं और दो लफ्ज़ बोल दें और मामला खत्म। 

बता दें कि इंदौर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में गुरुवार को हुए दर्दनाक हादसे में 36 लोगों की मौत हो गई। इस मामले में मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष पर गैर इदातन हत्या का केस दर्ज किया है तो वहीं इस दुर्घटना पर मप्र मानव अधिकार आयोग ने भी मामला संज्ञान में लिया है। मानवाधिकार आयोग ने कलेक्टर और कमिश्नर से एक महीने में जवाब मांगा है।