भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि आज प्रदेश के वो बच्चे जो प्राथमिक शिक्षा में अंग्रेजी माध्यम (English medium) से नहीं पढ़े उनकी जिंदगी में एक नया सवेरा हो रहा है। आज का दिन इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। हम शिक्षा को अंग्रेजी की गुलामी से मुक्त करेंगे वह शिक्षा (education) में हिंदी भाषा के उपयोग पर बोले उन्होंने कहा कि अब शिक्षा को अंग्रेजी की गुलामी से मुक्त करेंगे।
आज प्रदेश के वो बच्चे जो प्राथमिक शिक्षा में अंग्रेजी माध्यम से नहीं पढ़े उनकी जिंदगी में एक नया सवेरा हो रहा है। आज का दिन इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। हम शिक्षा को अंग्रेजी की गुलामी से मुक्त करेंगे: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भोपाल pic.twitter.com/bBM6z8MUby
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 16, 2022
इस मौके पर मध्य प्रदेश के मंत्री विश्वास सारंग भी बोले उन्होंने कहा कि आज का दिन देश और प्रदेश के लिए बहुत बड़ा दिन है। आज पहली बार हम मध्य प्रदेश में मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में शुरू करेंगे। हिंदी में पढ़ाई हो ये लगातार चर्चा का विषय था। इससे देश के हिंदी भाषी युवाओं के जीवन में परिवर्तन आएगा।
वहीं दूसरी ओर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में मुख्यमंत्री आवास सभागार में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की अध्यक्षता में आयोजित शिक्षा विभाग, उच्च शिक्षा विभाग और कौशल विकास की समीक्षा बैठक में भाग लिया।
गौरतलब है कि भारत का मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) अब देश का ऐसा पहला राज्य बन गया है। जहां एमबीबीएस की पढ़ाई (MBBS Studies) हिंदी में होगी।हिंदी भारत की मातृभाषा (Mother Tongue) है, लेकिन ज्यादार पढ़ाई इंग्लिश भाषा (English language) में होती है। जिसकी वजह से वो बच्चे प्रतिभाशाली होते हैं, लेकिन उन्हें इंग्लिश भाषा कम समझ आती है या फिर उनकी इंग्लिश कमजोर होती है तो वो सभी बच्चे आगे की पढ़ाई में पीछे रह जाते हैं। वो अपने सपनों को पूरा करने से भी वंचित रह जाते हैं। ऐसे में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा MBBS की पढ़ाई मातृभाषा हिंदी में कराने का फैसला लिया है।