महाराष्ट्र की ऐसी जगह जहां लाखों रुपये में बिक रहा है एक गधा, वजह जानकर रह जाएंगे दंग

Loading

महाराष्ट्र: अब तक आपने भैंस या किसी कुत्ते को लाखों रुपये में बिकने की खबरें सुनी होगी, लेकिन क्या अब तक आपने लाखों रुपये में गधे बिकने की खबर सुनी है? जी नहीं ना? लेकिन आपको बता दें की यह खबर सच है। जी हां महाराष्ट्र में एक ऐसी जगह है जहां गधे से लाखों रुपये मिल जाते हैं। जहां एक गधा लाखों रुपये में बेचा जाता है। आइए जानते है आखिर वो महाराष्ट्र की कोनसी जगह है जहां ऐसा होता है… 

यहां प्रसिद्ध है गधा बाजार 

आपको बता दें कि महाराष्ट्र के पाथर्डी तालुका के मंडी में कनीफनाथ यात्रा का गधा बाजार प्रसिद्ध है। यहां हजारों की संख्या में नाथ भक्त जुटते हैं। मढ़ी में तीर्थ यात्रा के अवसर पर लगने वाली गधों की मंडी इस साल की शुरुआत में तिसगांव क्षेत्र में दो दिन पहले संपन्न हुई है। इससे मढ़ी में गधों के बाजार में सामान की किल्लत हो गई और कीमत काफी बढ़ गई।

देशभर से आते है लोग 

इतना ही नहीं बल्कि इस साल पहली बार पंजाब राज्य से गधे बिक्री के लिए आए। बता दें कि यहां एक पंजाबी गधा करीब एक लाख रुपए में बिका। राज्य के मालेगांव, नांदेड़, जेजुरी ‘देउलगांव राजा’ और मढ़ी में गधों के बाजार लगते हैं। शहद बाजार के लिए आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, तेलंगाना राज्यों से भी व्यापारी आते हैं। मढ़ी में गधों का बाजार प्राचीन काल से चला आ रहा है। 

यहां के गधों की ज्यादा मांग

जानकारी के लिए आपको बता दें कि काठेवाड़ (गुजरात) के गधों की काफी मांग है। शुद्ध सफेद, लंबा और भार ढोने में अच्छा होने के कारण इसकी कीमत भी गवारान गधे से अधिक होती है। इस वर्ष काठेवाड़ प्रांत से तीन सौ गधे आए। करीब एक महीने तक चलने के बाद गधे झुंड के लिए निकल गए। रास्ते में 170 गधे मढ़ी तक सामान बेचते रहे। दौलत भाई गढ़िया वाले काठेवाड़ ने बताया कि आंध्र प्रदेश और मराठवाड़ा के प्रमुख व्यापारियों ने मढ़ी से पहले तिसगांव के व्यापारियों से सौदा किया और सभी गधों को 25 से 60 हजार रुपये प्रति नग के हिसाब से खरीद लिया। 

ये थे विशेष आकर्षण 

आपको बता दें कि इस साल भी मढ़ी में काठेवाड़ी गधे इतने बाइक की एक भी गधा देखने के लिए नहीं बचा है। तुकाराम बीजे के दिन यानी मढ़ी बाजार से दो दिन पहले बहुत कम गावरन गधे मढ़ी बाजार में बिक्री के लिए आए। इस साल के बाजार की खास बात यह है कि इस साल पंजाबी गधे बिक्री के लिए आए। पंजाबी गधे, लंबे और शक्तिशाली, लगभग घोड़ों की तरह, यात्रियों के लिए एक विशेष आकर्षण बन गए।

इन जगहों के लिए है गधों की डिमांड 

उत्तराखंड खासकर बद्रीनाथ केदारनाथ कश्मीर इलाके में इन गधों की काफी डिमांड है। इन गधों का उपयोग पहाड़ी क्षेत्रों में सेना की सामग्री को बड़ी आसानी से और आसानी से पहुँचाने के लिए किया जाता है। करीम पहाड़ी उत्तराखंड ने बताया कि वर्तमान में उत्तर भारत में गधों की इस संकर नस्ल का व्यापक रूप से उपयोग किया जा रहा है। दत्तू जाधव, सोमनाथ जाधव (कोल्हार) ने इस साल के मढ़ी गधा बाजार के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि दो साल के ब्रेक के बाद फिर से गधा बाजार शुरू हो गया है। इस साल पंजाबी हाईब्रिड गधों की कीमत सबसे ज्यादा रही और तीन गधों को 2 लाख 80 हजार में बेचा गया।