Ajit Pawar and Sharad Pawar
अजित पवार-शरद पवार

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बारामती/मुंबई: राकां (NCP) पार्टी पर कब्ज़े की लड़ाई में अपने चाचा (Sharad Pawar) को मात देने के बाद अब डिप्टी सीएम अजीत पवार (Ajit Pawar) ने बारामती के गढ़ में उन्हें चुनौती देने का ऐलान किया है। शुक्रवार को बारामती में लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने एक बार फिर शरद पवार पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने अपने चाचा का नाम लिए बिना कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव (Lok Sabha elections 2024) के मद्देनजर कुछ लोग इमोशनल अपील करेंगे लेकिन किसी को इस झांसे में नहीं आना चाहिए। 

सिर्फ संसद में भाषण देने से मुद्दे नहीं सुलझते 

अजीत ने अपनी बहन व बारामती से सांसद सुप्रिया सुले को भी नहीं बख्शा।  उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि सिर्फ संसद में भाषण देने से बारामती के मुद्दे नहीं सुलझेंगे।  अगर केंद्र में जिस पार्टी को शासन है उसकी सहयेा दल का सांसद चुना जाएगा तो बारामती के लोगों के काम जल्द पूरे होंगे।  छोटे पवार ने कहा कि आगामी चुनाव में मेरे खिलाफ अभियान चलाया जाएगा जिसका जवाब बारामती की जनता को देना चाहिए। 

हम लोगों ने इस्तीफा देने के लिए नहीं बोला 

अजीत पवार ने कहा कि हम लोगों ने शरद पवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के लिए नहीं बोला था।  उन्होंने खुद इस्तीफा देने का फैसला किया।  इसके बाद हम सभी नेताओं ने बैठकर वर्तमान सांसद (सुप्रिया सुले) को को राष्ट्र राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का निर्णय लिया।  मैंने अन्य पार्टी नेताओं को विश्वास में लिया और इसे स्वीकार कर लिया लेकिन मुझे नहीं पता कि 2-3 दिन में क्या हुआ।  शरद पवार फिर से बोले कि मैं ही पार्टी का अध्यक्ष रहूंगा।  मैं अपने वरिष्ठों से लगातार कह रहा था कि अगर तत्कालीन सीएम उद्धव ठाकरे के पास बहुमत नहीं है तो हम देवेंद्र फडणवीस का समर्थन करेंगे लेकिन उसमें भी देरी हुई। 

Shard Pawar and Ajit Pawar
शरद पवार-अजित पवार

चचेरे भाई के घर पैदा होना क्या मेरा दोष है.. 

अजीत ने खुलकर बगावत का बिगुल बजाते हुए कहा कि अगर मैं चचेरे भाई के घर में पैदा हुआ तो क्या है मेरा दोष है। आज में खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गया तो क्या चोर हूं, मैं भी पवार परिवार से हूं, मैं भी सगा हूं, इसलिए मेरा भी उतना ही हक बनता है।- अजीत पवार, राष्ट्रीय अध्यक्ष, राकां

मैं CM बनने के लिए बेकरार नहीं

मै मुख्यमंत्री पद के लिए बेकरार नहीं हूं।  2004 में एनसीपी को अधिक सीटें मिलने पर भी कुछ लोग उपमुख्यमंत्री पद से संतुष्ट थे।  उस समय आरआर पाटिल, छगन भुजबल सीएम बन सकते थे लेकिन ऐसा नहीं हो सका। – अजीत पवार, राष्ट्रीय अध्यक्ष, राकां