खसरा के रोगियों को लेकर प्रशासन गंभीर हुआ, सरकार के दस सूत्री अभियान पर अमल शुरू

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    अकोला. मंगलवार को खसरा के 6 रोगी सामने आने के बाद मनपा और न.पा. क्षेत्रों में प्रशासन काफी गंभीर देखा जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अब तक खसरा के पाजिटिव 12 रोगियों की जानकारी सामने आई है. इस बारे में बुधवार को बातचीत करने पर माता व बाल संगोपन अधिकारी डा. विनोद करंजीकर ने बताया कि बुधवार को खसरा का कोई पाजिटिव रोगी नहीं मिला है. कुछ रोगियों की रिपोर्ट आनी बाकी है. उन्होंने कहा कि जिन बच्चों को खसरा की वैक्सीन नहीं दी गयी है उन्हें तुरंत वैक्सीन दिलवानी चाहिए. उन्होंने कहा कि खसरा के रोगी न बढ़ें इसके लिए अब सरकार द्वारा जो दस सूत्री कार्यक्रम दिया गया है उस पर अमल किया जा रहा है. 

    सरकार के दस सूत्री कार्यक्रम पर अमल

    राज्य सरकार द्वारा दस सूत्री कार्यक्रम पर अमल करने के निर्देश दिए गए हैं. जिसमें बुखार और चट्टे जिन रोगियों को आ रहे हैं ऐसे रोगियों की जांच और इसी तरह राज्य के खसरा हॉट स्पॉट की खोज की जाए, इसी तरह जिन क्षेत्रों में खसरा रोकने का वैक्सीनेशन कम हुआ है उन क्षेत्रों की ओर गंभीरता से ध्यान, इसी तरह कुपोषण वाले क्षेत्र की ओर भी पूरी तरह से जांच, विभागीय स्तर पर शीघ्र प्रतिसाद दल और स्थानीय सुक्ष्म कृति प्रारुप पर अमल होना चाहिए. 9 माह से 5 वर्ष की उम्र के बच्चों के लिए विशेष वैक्सीनेशन, आंतर विभागीय समन्वय, नगर विकास, महिला और बाल विकास, अल्प संख्यक कल्याण विभाग से समन्वय किया जाना चाहिए.

    राज्य भर में सबके लिए खसरा उपचार मार्गदर्शन सूचना, खसरा प्रयोगशालाएं अधिक बढ़ाएं, विस्तारीकरण करें इसके साथ साथ राज्य सरकार ने और भी कई महत्वपूर्ण सूचनाएं अपने दस सूत्री कार्यक्रम में दी हैं तथा उन पर शीघ्र अमल शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं. इस तरह अब महानगर पालिका और नगर पालिका क्षेत्रों में मनपा, नपा प्रशासन तथा स्वास्थ्य विभाग काफी गंभीर और सक्रिय दिखाई दे रहा है.

    इस बारे में सरकारी डाक्टरों के साथ साथ निजी डाक्टरों का भी कहना है कि डरने और घबराने की बजाए इस समय छोटे बच्चों की ओर गंभीरता से ध्यान दिया जाना चाहिए. यदि बच्चों का बुखार नहीं उतर रहा है तो तुरंत अपने डाक्टर से सलाह लें और तुरंत उपचार शुरू करें. यह उल्लेखनीय है कि विशेषज्ञ डाक्टरों का भी कहना है कि कुपोषित बच्चों की ओर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए. शहर के कुछ निजी डाक्टरों ने बातचीत के दौरान बताया कि छोटे छोटे बच्चों को यदि बुखार आ रहा है तो उनके माता, पिता तुरंत चेकअप के लिए आ रहे हैं.