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  • फसल बीमा की रकम किसानों को नहीं मिली
  • इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस द्वारा आंदोलन किया जाएगा

अकोला. फसल बीमा कंपनी व सरकार के गठबंधन के कारण किसानों के जान पर बन आई है. यह आरोप एक पत्र परिषद में जिला कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक अमानकर ने लगाया, उनके साथ पूर्व मंत्री प्रा.अजहर हुसैन, पूर्व महापौर तथा प्रदेश कांग्रेस के सचिव मदन भरगड़, प्रदेश कांग्रेस के महासचिव डा.अभय पाटिल, प्रदेश कांग्रेस के सचिव प्रकाश तायड़े, प्रदेश प्रवक्ता डा.सुधीर ढोणे, डा.सुभाष कोरपे, एड.महेश गणगणे प्रमुखता से उपस्थित थे.

उन्होंने आगे कहा कि इस वर्ष अकोला जिले में 4 लाख 40 हजार 988 किसानों ने फसल बीमा के लिए आवेदन किया था. कुल बीमा संरक्षित क्षेत्र 3 लाख 45 हजार 710 हे. है. फसल बीमा प्रीमियम में किसानों का हिस्सा 4.40 लाख रू., राज्य सरकार का हिस्सा 17,900.5 लाख व केंद्र सरकार का हिस्सा 13,898 लाख रू. है. कुल प्रीमियम की रकम 31,803 लाख रू. है और कुल बीमा संरक्षित रकम 164853.3 लाख रू. है. इस बारे में जिलाधिकारी ने प्रधान मंत्री फसल बीमा के विषय में संयुक्त समिति की बैठक आयोजित की और इस बैठक के निर्णय के अनुसार वर्तमान वर्ष में अपेक्षित उत्पादन में 50 प्रश कम उत्पादन निर्धारित किया है.

इस तरह कुल फसल बीमा की 25 प्रश अग्रिम रकम किसानों के खातों में एक माह में जमा करें, ऐसा आदेश जिलाधिकारी ने बीमा कंपनी को दिया लेकिन इसके बावजूद भी एक माह हो गया है लेकिन फसल बीमा कंपनी किसानों को मदद करने के लिए तैयार नहीं है. पिछले वर्ष भी ऐसा आदेश जिलाधिकारी ने दिया था इसमें सोयाबीन के लिए 24 मंडल और कपास तथा तुअर की फसल के लिए 29 मंडलों के लिए अधिसूचना निकाली गयी थी लेकिन वह रकम भी अभी तक अदा नहीं की गयी है.

अशोक अमानकर ने आरोप लगाया कि, बीमा कंपनी की यह दादागिरी किसके आशीर्वाद से शुरू है. इस वर्ष किसानों की सोयाबीन की फसल बहुत खराब है. अनेक क्षेत्रों में सोयाबीन पर येलो मोजेक का संक्रमण है. इस कारण एक एकड़ में तीन से पांच क्विंटल उत्पादन हो रहा है. सरकार ने यह मान्य करते हुए सर्वे के आदेश भी दिए हैं.

पालक मंत्री के दौरे के समय आंदोलन किया जाएगा

यदि शीघ्र ही किसानों को यह रकम प्रदान नहीं की गयी तो कांग्रेस द्वारा पालक मंत्री के अकोला दौरे के समय तीव्र आंदोलन किया जाएगा यह भी उन्होंने किया. उन्होंने कहा कि, केंद्र सरकार शहर की जनता को खुश करने के लिए खाद्य तेज आयात कर रहा है, तेलों के आयात के कारण सोयाबीन के दाम बहुत ही कम हो गए हैं. किसानों को उत्पादन खर्च भी नहीं निकल पा रहा है. 

अनेक मान्यवरों की उपस्थिति

इस अवसर पर कांग्रेस के विजय देशमुख, तश्वर पटेल, प्रशांत गावंडे, प्रदीप वखारिया, भूषण टाले पाटिल के साथ साथ अनेक कांग्रेसी उपस्थित थे. 

पत्र परिषद में दो नेताओं में हुई जमकर नोक झोंक

पत्र परिषद समाप्त होते ही पूर्व महापौर तथा प्रदेश कांग्रेस के सचिव मदन भरगड़ और प्रदेश कांग्रेस के महासचिव डा.अभय पाटिल के बीच जमकर नोक झोंक हुई. बड़ी मुश्किल से उपस्थितों ने यह मामला सुलझाया. इस बारे में पूर्व महापौर मदन भरगड़ का कहना था कि, सोमवार को स्वराज्य भवन में आयोजित सभा में उन्होंने अपने भाषण में कहा था कि, पिछले लोकसभा चुनाव में जिन नेताओं ने कांग्रेस की उम्मीदवारी मांगी थी उन्होंने उस समय से लेकर अब तक कितने आंदोलन किए वह भी स्पष्ट करें, इसके बाद ही उम्मीदवारी मांगे. इस बात को लेकर डा. अभय पाटिल नाराज थे, इसी विषय को लेकर नोक झोंक हुई है.