Donkey Milk

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रिसोड (त.सं). शहर में इन दिनों नांदेड़ से आया हुआ पांच परिवारों का जत्था अपनी गधियों को लेकर डेरा डाले हुए है. गधी के दूध के फायदे गिनाते और उसकी बिक्री करते हुए यह घर-घर गली-गली घूम कर व्यवसाय कर रहे हैं. गधी के दूध का व्यवसाय करने वाले इन लोगों का मानना है कि गधी का दूध खास तौरपर छोटे बच्चों के लिए बेहद ही कारगर साबित होता है. बच्चों पर इस दूध के सेवन के बाद कई बीमारियां ऐसी है जिसे बच्चे सुरक्षित रहते हैं. बच्चों के अलावा बड़ों को भी यह काफी फायदा पहुंचाते हैं. गली मोहल्ले में घूम कर अपने छोटे स्पीकर के माध्यम से यह लोगों को आकर्षित कर रहे हैं. 10 मिली दूध की कीमत 150 रुपए तक लगाई गई है जबकि लीटर में इसकी कीमत 12 हजार लगाई गई है.

रिसोड शहर में पिछले दो-तीन दिनों से यह परिवार गधियां साथ लेखकर गली मोहल्ले में घूम रहे हैं. दो सप्ताह तक के यह किसी एक शहर या गांव में रहकर अपना व्यवसाय करते हैं. उसके बाद वे शहर और गांव को छोड़कर अन्य जगहों पर अपना डेरा डालते हैं. खुली जगह में अपने तंबू लगाकर यह परिवार रहता है. जिसमें उनके साथ बूढ़े बच्चे महिलाएं सभी साथ होती है. इनके पास चार पहिया वाहन भी है जिसमें यह अपने गधिया और गधों को सवार कर साथ में लेकर घूमते हैं. नांदेड़ से आए हुए यह लोग कुल 6 महीने अपने गांव से बाहर रहते हैं और 6 माह तक वह अपने गांव में ही अपना दूसरा व्यवसाय पत्थर के सील और बाटे बेचने का व्यवसाय करते हैं.

गधी के दूध में कोशिकाओं को ठीक करने और इम्युनिटी को बढ़ाने का भी गुण होता है. आयुर्वेद में भी त्वचा के रोगों के लिए गधी के दूध को बेहतर बताया गया है. गधी का दूध प्राकृतिक मॉइश्चराइजर का काम करता है और त्वचा को चमक देता है. ये एंटी एजिंग यानि बढ़ती उम्र के परिणाम कम करता है. खानपान में लोग दूध इस्तेमाल करते हैं. दूध कई पोषक तत्वों की पूर्ति कर देता है. हालांकि शहरों में दूध की उपलब्धता कई बार कम होती है. लेकिन गधी का दूध काफी महंगा होता है.

दरअसल, गधी के दूध का इस्तेमाल फार्मास्युटिकल और कॉस्मेटिक्स प्रोडक्ट्स बनाने में अधिक किया जाता है. गधी के दूध में कोशिकाओं को ठीक करने और इम्युनिटी को बढ़ाने का भी गुण होता है. आयुर्वेद में भी त्वचा के रोगों के लिए गधी के दूध को बेहतर बताया गया है. गधी का दूध प्राकृतिक मॉइश्चराइजर का काम करता है और त्वचा को चमक देता है. ये एंटी एजिंग यानि बढ़ती उम्र के परिणाम कम करता है.

दूध विक्रेता लालू धोत्रे भोकर जि. नांदेड ने बताया कि, यह हमारा काफी पुराना व्यवसाय है, यह व्यवसाय करने वाली हम तीसरी पीढ़ी है. हर जगह पर हमें अच्छा प्रतिशत मिलता है. आंध्र प्रदेश में इस दूध की काफी मांग है. इसके लिए जगह-जगह पर फार्म हाउस में 100 अधिक गधों की देखभाल भी होती है. बारिश के मौसम में हम अपना घर बार छोड़कर निकल जाते हैं. 6 महीने के बाद हम अपने घर पर पहुंचते हैं. बच्चों के लिए दूध काफी फायदेमंद होता है.

दूध विक्रेता लक्ष्मीबाई ने बताया कि, गधी का दूध एक आयुर्वेद की तरह दवा का काम करता है. बच्चों के लिए पेट दर्द, निमोनिया, पेट के अन्य बीमारियां, कंवल आदि बीमारियों से सुरक्षित रखता है. इसके अलावा बच्चों की भूख भी बढ़ती है. छोटे बच्चों के लिए 10 मिली दूध काफी है.