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    अकोला. बालापुर तहसील के कान्हेरी गवली निवासी चार आरोपियों पर मिट्टी का तेल डालकर हत्या के प्रयास का मामला जिला एवं सत्र न्यायालय में चल रहा था. इस मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश डी.बी. पतंगे ने सबूतों के अभाव में चारों आरोपियों को बरी कर दिया. 

    इस संबंध में प्राप्त विस्तृत जानकारी यह है कि बालापुर तहसील के कान्हेरी गवली निवासी गीता मुंडे ने पुलिस को बयान दिया था कि उसकी पडोसी सुनीता मुंडे ने उधार लिए पैसों के विवाद को लेकर 26 जून 2014 को रात करीब आठ बजे गीता मुंडे के शरीर पर मिट्टी का तेल डालकर उसे मारने का प्रयास किया.

    इस मामले में बालापुर पुलिस ने जांच व पड़ताल के बाद पहले आईपीसी की धारा 307 और फिर आईपीसी की धारा 302 के तहत मामला दर्ज कर आरोप पत्र दाखिल किया था. जिला एवं सत्र न्यायाधीश डी.बी. पतंगे की अदालत में मामले की सुनवाई हुई. कोर्ट में सभी पक्षों को सुना गया. जांच अधिकारी मनीषा राउत, पुलिस उप निरीक्षक और तहसीलदार प्रतीक्षा तेजणकर ने भी अपने बयान दर्ज किए.

    प्रकरण में मुख्य आरोपी नंबर 1 सुनीता ठोकल की ओर से एड.एस.एन. ठोकल, एड.कोमल सोलंके ने और अन्य तीन आरोपियों की ओर से एड.दिलदार खान ने अदालत में पक्ष रखा. अदालत ने मृत्यु पूर्व बयानों के साथ-साथ मामले में नौ गवाहों की जांच की गयी. सभी पक्षों को सुनने के बाद और गवाहों के बयान सुनने के बाद मृत्यु पूर्व बयान को ग्राह्य न मानते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश डी.बी. पतंगे की अदालत ने पुख्ता सबूतों के अभाव में चारों आरोपियों को निर्दोष बरी कर दिया.