
अकोला. जिले में बारिश के अभाव से फसलों का नुकसान हो रहा है. जिले में कहीं पर खेतों में मशक्कत के कार्य शुरू है, कहीं पर बुआई के कार्य शुरू है, कहीं पर दोबारा बुआई की स्थिति आई है, कहीं पर फसल की बुआई में कमी तथा कहीं पर अधिक फसल की बुआई होगी. जिले में महाबीज के बीजों में कमी आई है. जिससे किसान बीजों से वंचित रह रहे है. जिस कारण किसान परेशान हो गया है. किसान आसमान की ओर देख रहे है. बारिश के अभाव से फसल संकट में आई है. फसल को बचाने के लिए किसान जद्दोजहद कर रहा है.
पातुर तहसील में दोबारा बुआई का संकट
तहसील में दमदार बारिश होने से किसानों ने बुआई शुरू की. वर्तमान स्थिति में फसल फली-फूली है. लेकिन पिछले सप्ताह भर से बारिश न होने से फसल जलने की कगार पर आई है. जिससे फसल बचाने के लिए किसान फसलों को पानी दे रहे है. और चार से पांच दिन बारिश न आई तो किसानों पर दोबारा बुआई का संकट आने की संभावना है. तहसील के आलेगांव और पातुर मंडल को छोड़कर चान्नी, सस्ती व बाभुलगांव मंडल के क्षेत्र में अत्यल्प बारिश हुई है. बारिश की आशा से अनेक किसानों ने बुआई की है. लेकिन बारिश के अभाव से फसल खतरे में आई है.
आलेगांव परिसर में बुआई को गति
परिसर के कुछ किसानों ने बुआई शुरू करने का दिखाई दे रहा है. इसमें किसानों ने सोयाबीन फसल की बुआई पर अधिक जोर दिया है. लेकिन तहसील में बीज की कमी होने से किसान त्रस्त हो गए है.
सोयाबीन की बुआई अधिक
तहसील में इस वर्ष सोयाबीन की बुआई बढ़ने संभावना है. कपास के साथ अन्य फसल का क्षेत्र में कमी आने का दिखाई दे रहा है. तहसील में 42,570 हेक्टेयर क्षेत्र नियंत्रण में होकर सोयाबीन की बुआई 25,500 हेक्टेयर, कपास 8,445 हेक्टेयर, तुअर 7,500 हेक्टेयर, उड़द 13,000 हेक्टेयर पर बुआई का नियोजन तहसील में कृषि विभाग ने किया है.
अकोला तहसील में कपास की बुआई घटेगी
इस बार तहसील में कपास की बुआई घटेगी तथा सोयाबीन की बुआई में बढ़ोत्तरी होने की संभावना है. तहसील में बीजों की कमी निर्माण हो गई है, जिससे किसानों को भटकना पड़ रहा है. पिछले वर्ष कपास पर बोंड इल्लियों का आक्रमण होने से किसानों का बुआई का खर्च भी वसूल नही हुआ. जिससे इस बार सोयाबीन को पसंद किया जा रहा है. जिस कारण तहसील में कपास का क्षेत्र घटने का अंदाज लगाया जा रहा है.
तहसील में कपास की बुआई 41,000 हेक्टेयर पर, सोयाबीन 50,000 हेक्टेयर, तुअर 6,000 हेक्टेयर, उड़द 2,000 हेक्टेयर, मूंग 8,000 हेक्टेयर, ज्वार 1,307 हेक्टेयर ऐसे कुल 1,08,307 हेक्टेयर पर खरीफ फसल की बुआई करने की जानकारी कृषि विभाग ने दी है.
बालापुर तहसील में कहीं पर मशक्कत तो कहीं पर बुआई
तहसील में बुआई योग्य बारिश न होने से प्राकृतिक आपदा का परिणाम यह खेती क्षेत्र पर दिखाई दे रहा है. जिससे कहीं पर खेतों में मशक्कत के कार्य तो कहीं पर खेतों में बुआई के कार्य की अजब स्थिति तहसील में दिखाई दे रही है. बारिश न होने से किसानों पर बुआई रोकने की स्थिति आई है. तो कुछ बुआई किए किसानों की बारिश के अभाव से जान संकट में आई है. तहसील में अनेक किसान दमदार बारिश की प्रतीक्षा में है. बुआई नही किए किसानों ने खेती के मशक्कत की ओर अपनी राह मोड़ी है.
बीजों से किसान वंचित
किसानों को महाबीज के सोयाबीन के बीजों की कमी आ रही है. जिससे किसान बीजों के लिए इधर उधर भटक रहे है. जिस कारण किसान तुअर, मूंग, उड़द आदि फसल की ओर मुड़ा है. किसान महाबीज के सोयाबीन बीज मिलेंगे इस आशा पर है. किसानों को सोयाबीन के बीज उपलब्ध करवाकर देने की मांग हो रही है. इस तरह की स्थिति तेल्हारा, मूर्तिजापुर व अकोट तहसील की भी होने की जानकारी है.