अकोला: अकोला संसदीय चुनाव क्षेत्र (Akola parliamentary constituency) में पिछले चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे वंचित बहुजन आघाडी (VBA) के प्रमुख एड। प्रकाश आंबेडकर (Prakash Ambedkar) का कहना है कि, पिछले अनेक वर्षों में अकोला संसदीय क्षेत्र का जितना विकास होना चाहिए था नहीं हुआ है। क्षेत्र में अनेक समस्याएं अभी भी प्रलंबित हैं। सन 2017 में शिवनी विमानतल की हवाई पट्टी बढ़ाने हेतु भूसंपादन के लिए करीब 85 करोड़ रू। की लागत आ रही थी जो कि बढ़कर 170 करोड़ से अधिक हो गयी है। भूसंपादन का मामला अभी भी आगे नहीं बढ़ सका है। जिले का काफी क्षेत्र खारे पानी के पट्टे में आता है, इसके लिए निर्माण किया जा रहा नेर धामणा प्रकल्प अभी भी पूरा नहीं हो सका है।
सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में अभी भी रिक्त पद भरे नहीं गए हैं। मंजूर होने के बाद भी पुलिस आयुक्तालय का निर्माण नहीं हो सका है। जिले की सड़कें गड्ढों में परिवर्तित हो रही हैं। विशेष रूप से तेल्हारा और अकोट तहसील की सड़कों की हालत बहुत खराब है। जिसके कारण कई बेकसूर लोगों की सड़क दुर्घटनाओं में मौत हो चुकी हैं। सांस्कृतिक भवन का कार्य अभी भी पूरा नहीं हो सका है। शहर के मध्य भाग में करीब 170 करोड़ रू। की लागत से उड़ान पुल का निर्माण किया गया है, इस पुल का निर्माण होते ही इसका एक ओर का भाग क्षतिग्रस्त होने से वह रास्ता करीब एक साल तक बंद रहा।
देखा जाए तो इस उड़ान पुल के निर्माण की कोई आवश्यकता नहीं थी, यदि इस सड़क को चौड़ा कर दिया जाता तो भी यातायात की समस्या हल हो सकती थी। शहर के लिए पीने के पानी की समस्या का स्थायी हल नहीं निकल सका है। भूमिगत गटर योजना भूमिगत होकर रह गयी है। शहर में धूल, प्रदूषण और गंदगी का साम्राज्य है। इस तरह की परिस्थिति मुख्य मार्गों पर भी देखी जा सकती है।
फिर भी हाउस टैक्स बढ़ाया जा रहा
शहरी क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। इसके बावजूद मनपा द्वारा हाउस टैक्स बढ़ाया जाता है। मनपा ने टैक्स वसूली का ठेका एक निजी कंपनी को दिया है। इस कारण भी आम लोगों को काफी तकलीफ का सामना करना पड़ रहा है। अकोट फैल के आरओबी की हालत दिन प्रतिदिन खराब हो रही है। लेकिन इस ओर संबंधित लोगों का ध्यान नहीं है। न्यू तापड़िया नगर के आरओबी का काम बहुत ही मंद गती है शुरू होता है फिर बंद कर दिया जाता है जिस कारण इस क्षेत्र के लोगों को काफी तकलीफ का सामना करना पड़ रहा है। अकोला खंडवा मीटरगेज रेल मार्ग को ब्राड गेज में परिवर्तित करने का काम अभी तक सिर्फ अकोट तक हो सका है। अनेक वर्षों से सरकार द्वारा इस रेल मार्ग को खंडवा तक पूरा करने के लिए सिर्फ आश्वासन मिलते रहते हैं। औद्योगिक क्षेत्र का विकास जैसे रुक सा गया है। जिले के किसानों के लिए सिंचाई के समुचित साधन नहीं हैं। जबकि क्षेत्र में कुछ और नये सिंचाई प्रकल्पों का निर्माण हो जाना चाहिए था। मोहता मिल पूरी तरह से बंद हो चुकी है। उसकी जमीन भी बिक गयी है। सावतराम मिल का नवीनीकरण पूरी तरह से ठंडे बस्ते में पड़ा है। एड. आम्बेडकर ने कहा कि अब ऐसा कहने की परिस्थिति आ गयी है कि, भाजपा हटाओ और अकोला बचाओ।