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अकोला. जिले में पिछले वर्ष नवंबर माह में हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण अनेक किसानों का नुकसान हुआ था. इन नुकसानग्रस्त 2 लाख 46 हजार 188 किसानों की मदद के लिए सरकार ने 332 करोड 96 लाख रूपये मंजूर किए हैं. अत्यधिक बारिश के कारण 1 लाख 89 हजार 681 हेक्टेयर क्षेत्र में किसानों की फसलों का नुकसान हुआ था. जिसमें मुख्य रूप से कपास और तुअर फसलों की हानि हुई थी. इस अनुसार नुकसान भरपाई हेतु 207 करोड़ 92 लाख 64 हजार 810 रू. की निधि की मांग सरकार से की गयी थी. इसके पश्चात सरकार ने प्रति हेक्टेयर की सीमा बढाने के कारण उस अनुसार नया प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया था. इन दोनों प्रस्तावों को एकत्रित रुप से राजस्व विभाग द्वारा मंजूरी प्रदान की गयी है.

इस बीच बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि के कारण जिन किसानों का नुकसान हुआ था ऐसे नुकसानग्रस्त किसानों को बढ़ी हुई दर के अनुसार नुकसान भरपाई मिलेगी. इसके लिए 125 करोड़ का प्रस्ताव जिला प्रशासन द्वारा विभागीय आयुक्त को भेजा गया है. 3 हेक्टेयर की मर्यादा में बिना सिंचाई के क्षेत्र हेतु प्रति हेक्टेयर 13,600 रू. व सिंचाई के क्षेत्र के लिए 27,000 रू. बहु वार्षिक फसलों की नुकसान भरपाई के लिए प्रति हेक्टेयर करीब 36 हजार रू. की मदद करने के निर्देश राजस्व व वन विभाग द्वारा जारी किए गए हैं. उस अनुसार अब जिले के नुकसानग्रस्त किसानों के लिए कुल 332 करोड़ 96 लाख 96 हजार 288 रू. की मांग मंजूर की गयी है.

इस तरह मिली मदद

बिना सिंचाई वाले क्षेत्र में 1 लाख 38 हजार 157.13 हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों का नुकसान हुआ है. इसमें 1 लाख 69 हजार 968 किसानों की हानि हुई है. 729 गांवों के किसानों का नुकसान हुआ है, इन किसानों की मदद के लिए कुल 187 करोड़ 89 लाख 36 हजार 968 रुपये की मदद की मांग की गयी. इसी तरह सिंचाई वाले क्षेत्र में बेमौसम बारिश के कारण 44 हजार 902.72 हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों को नुकासन हुआ, जिसके लिए 121 करोड़ 23 लाख 73 हजार 440 रुपयों की मदद की आवश्यकता है. 771 गांवों के 67 हजार 16 किसानों की हानि हुई है. इसी तरह 6,621.83 हेक्टेयर क्षेत्र में फलों की फसलों का नुकसान हुआ है. इसमें 9 हजार 204 किसानों का नुकसान हुआ है. इस तरह 252 गांवों के किसानों की हानि हुई है. 

सोयाबीन और तुअर का नुकसान

पिछले वर्ष कभी अत्यधिक बारिश तथा कभी कम बारिश होने के कारण खरीफ फसलों का भारी नुकसान हुआ था जिसमें सोयाबीन का उत्पादन घट गया था. इसी तरह कपास की फसल की भी हानि हुई थी. जिले की अकोला, बालापुर, बार्शीटाकली, पातुर, मुर्तिजापुर, अकोट और तेल्हारा इन सभी तहसीलों में कपास और तुअर की फसलों को भारी नुकसान हुआ था. प्राप्त जानकारी के अनुसार एसडीआरएफ के निकष के अनुसार पहले 2 हेक्टेयर की मर्यादा दी जाती थी लेकिन अब सरकार ने यह प्रमाण 3 हेक्टेयर की मर्यादा तक बढ़ाया है. सरकार के निर्णय के अनुसार बिना सिंचाई वाले खेती के लिए 8,500 रू. की जगह 13,500 रू. तथा सिंचाई की खेती के लिए प्रति हेक्टेयर 17,000 रू. की जगह 27,000 रू. तथा फलों की फसलों के नुकसान के लिए 22,500 रू. की जगह 36,000 रू. की मदद दी जाएगी.