ST BUS
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    अकोला. एसटी महामंडल के कर्मचारी राज्य सरकार में एसटी महामंडल के विलय की मांग को लेकर आक्रामक हो गए हैं. सोमवार को एसटी कर्मचारियों ने टावर के पास पुराने बस स्टैंड पर यज्ञ किया और भगवान से सरकार को सद्बुद्धि देने की याचना की. इसी तरह सेंट्रल बस स्टैंड पर सोमवार की दोपहर को एसटी कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर शीर्षासन आंदोलन कर सभी का ध्यान आकर्षित किया.

    अकोला जिले के हर डिपो में पिछले 17 दिनों से एसटी महामंडल के कर्मचारियों का आंदोलन जारी है. जिसके कारण डिपो में बसें खड़ी कर दी गयी है. कर्मचारियों की मांगें पूरी नहीं होने तक एसटी बसें शुरू न किए जाने का निर्णय कर्मियों ने लिया है. उनका कहना है कि एसटी महामंडल के कर्मचारियों को राज्य सरकार के कर्मचारियों से कम वेतन दिया जाता है.

    उनकी मुख्य मांग राज्य सरकार की तर्ज पर वेतन और सभी भत्तों का भुगतान करना है. पुराने बस स्टैंड में हुए इस अनोखे आंदोलन ने नागरिकों का ध्यान खींचा हैं. राज्य सरकार बार-बार कर्मचारियों से काम पर लौटने की अपील कर चुकी है. लेकिन कर्मचारी हड़ताल पर अड़े हैं. अन्य समय में आंदोलन का नेतृत्व संगठनों द्वारा किया जाता है. लेकिन इस साल कर्मचारियों ने हड़ताल को भरपूर प्रतिसाद दिया है. 

    शीर्षासन आंदोलन

    यहां केंद्रीय बस स्टैंड पर भी कर्मचारियों का आंदोलन जारी है. यहां भी एसटी कर्मचारी काफी आक्रामक देखे जा रहे हैं. सोमवार दोपहर को एसटी कर्मियों ने शीर्षासन आंदोलन कर सरकार का ध्यान अपनी ओर खींचने की कोशिश की. इस समय एसटी कर्मचारियों के कामगार एकता जिंदाबाद के नारों से परिसर गुलजार रहा था. इस समय आर आर की लड़ाई लड़ने के लिए कर्मचारी आक्रामक हो गए हैं.

    आंदोलन वापस नहीं होग

    राज्य सरकार ने आंदोलन को कुचलने के लिए एसटी कर्मियों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है. एक-एक कर कर्मचारियों को निलंबित करने की नीति अपनाई जा रही है. अगर सरकार को लगता है कि इससे कर्मचारी डरेंगे और आंदोलन वापस ले लेंगे, तो यह गलत है. जब तक किसी भी परिस्थिति में मांगें पूरी नहीं की जातीं, आंदोलनकारियों ने आंदोलन वापस नहीं लेने का संकल्प व्यक्त किया है. 

    फलफूल रहा निजी यात्री यातायात

    एक तरफ कर्मचारी एसटी बस स्टैंड के अंदर हड़ताल कर रहे हैं. वहीं, बस स्टैंड के बाहर निजी यात्री वाहनों की कतारें लगी हुई हैं. ट्रॅवल्स यात्रियों से भरी हुई देखी जा रही हैं. जगह न मिलने के कारण यात्रियों को खड़े रहकर यात्रा करनी पड़ रही है. यात्रियों का ध्यान एसटी कर्मचारियों की हड़ताल समाप्त होने की ओर लगा हुआ है.