अकोट. अकोट में पुलिस कालोनी की खस्ता हालत होने से अपनी बदहाली पर रो रही है. जिससे पुलिस कर्मियों की कॉलोनी अब गंभीर बिकट अवस्था में है. इस कारण सीनियर्स ने इस ओर ध्यान देने की जरूरत बनी है. 25 जनवरी को अकोला स्थित नीमवाड़ी क्षेत्र में 380 नए स्टाफ क्वार्टरों के उद्घाटन के साथ ही अकोट शहर में खस्ता हालत से गंभीर बिकट अवस्था में हुई पुलिस कॉलोनी का मामला फिर से सामने आ गया है.
पुलिस कालोनी में टूटी खिड़कियाँ, अहाते की दीवारें, उगी घास, फटी टीन की चादरें, खुले में उगी हुई काँटों की झाड़ियाँ, सूअरों की मुक्त आवाजाही, हर जगह पर टूटी पाइप लाइन, इस तरह की कॉलोनी के हालात ऐसे हैं. इस वातावरण में शहर के हर नागरिक की सुरक्षा के लिए दिन-रात काम करने वाले पुलिसकर्मियों के परिजन जान जोखिम में डाले जिंदगी जीते नजर आ रहे हैं. पुलिस परिवार सहित नागरिक आक्रोश व्यक्त कर रहे हैं कि महाराष्ट्र सरकार का गृह विभाग, लोक निर्माण विभाग पुलिस कर्मियों को इस भयानक वास्तविकता से कब मुक्त करेगा.
अकोट शहर के मध्य भाग में दो पुलिस कॉलोनियां हैं. नई कॉलोनी में 32 में से केवल 8 घर रहने के लिए उपयुक्त हैं. पुरानी कॉलोनी में पुलिस परिवार 14 में से 5 से 6 घरों में रह रहे हैं और नाईलाज जान हथेली पे रख कर वास्तव कर रहे हैं. अकोट शहर और ग्रामीण थाने के सभी कर्मचारियों के निवासस्थान निर्माण के लिए फिलहाल पर्याप्त जगह उपलब्ध है.
हालांकि संबंधित विभाग और वरिष्ठ अधिकारी नए निर्माण के लिए पहल नहीं कर रहे हैं. कर्मचारियों को अतिरिक्त किराया देकर और घर किराए पर लेना पड़ता है. सरकार ने वरिष्ठ अधिकारियों को मुख्यालय में रहने का आदेश दिया है. लेकिन पुलिस कर्मियों और अधिकारियों के लिए आवास की कमी के कारण उन्हें उप-डाउन करना पड़ता है.
कई कर्मचारियों को अप डाउन से शारीरिक बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है. कुछ कर्मचारी को अपनी जान गंवानी पड़ी है. इसलिए, आवश्यक सेवाओं में आने वाले पुलिस कर्मियों को अच्छी तरह से सुसज्जित आवास प्रदान करने के लिए सरकार की तत्काल आवश्यकता है.
उप विभागीय पुलिस अधिकारी का कार्यालय भी खराब आवस्था में है. और कर्मचारियों को कार्यालय में कार्य करते समय काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इसलिए उप विभागीय पुलिस अधिकारियों के लिए एक नया कार्यालय स्थापित करने की आवश्यकता है.
पुलिस का कोई संगठन नहीं है, वे अपने अधिकारों के लिए आंदोलन नहीं कर सकते हैं. हालांकि, वरिष्ठ कार्यालय को कम से कम अपने कर्मचारियों को अच्छा आवास प्रदान करने का ध्यान रखना चाहिए. झोपड़ियो जैसे घर में रहने से पुलिस की मानसिकता और कार्यकुशलता बिगड़ रही है. – विजय जितकर,मानव समाज संगठन.
हम पहले ही सरकार को निर्माण और आवास की समस्याओं के बारे में विस्तृत जानकारी दे चुके हैं. हम इस पर भी कड़ी मेहनत कर रहे हैं, और प्रयत्नशील हैं. – प्रकाश अहिरे, थानेदार, अकोट शहर.