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अकोला. जिला एवं सत्र न्यायाधीश शायना पाटिल की अदालत ने सिविल लाइन थाना क्षेत्र में एक 12 वर्षीय लड़के का अप्राकृतिक शोषण करने के आरोपी को दोहरे आजीवन कारावास की सजा सुनाई. आरोपी के खिलाफ सिविल लाइन थाने में पॉक्सो तथा अप्राकृतिक शोषण और एट्रासिटी सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था.

इस मामले में आरोपी को सजा के साथ जुर्माना भी लगाया गया है और जुर्माना नहीं देने पर कोर्ट ने अतिरिक्त सजा का प्रावधान किया है. शहर के समीप गुड़धी निवासी आरोपी ओम धोटे 12 वर्षीय बालक को मोबाइल फोन पर पबजी गेम खेलने के लिए गांव के बाहर ले गया और बालक का अप्राकृतिक शोषण किया.

जिससे आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट की विभिन्न धाराओं और अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. उसके बाद सिविल लाइन थाने के तत्कालीन पुलिस निरीक्षक ने मामले की जांच की और अदालत में आरोप पत्र दायर किया. इसके बाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश शायना पाटिल की अदालत ने आरोपी ओम धोटे (23) निवासी गुड़धी को विभिन्न धाराओं के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई. साथ ही 10 हजार रु. के जुर्माना अदा करने का आदेश दिया गया है. यह जुर्माना नहीं देने पर एक माह की कड़ी मेहनत की सजा का प्रावधान किया गया है.

पांच गवाहों का परीक्षण कराया

जिला एवं सत्र न्यायाधीश शायना पाटिल की अदालत ने मामले में कुल पांच गवाहों की जांच के बाद मिले ठोस सबूतों के आधार पर आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. इस मामले में सरकारी पक्ष की ओर से एड.राजेश अकोटकर ने काम संभाला. एसएसआई काजी, पोहेकां श्रीकांत गावंडे ने कोर्ट कोर्ट पैरवी के रूप में सहायता की.