Suicide
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    शिरजगांव कसबा (सं). वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण ने जहां हजारों लोगों की जान ले ली. वहीं इस दौरान अत्याधिक मौतों का एक बड़ा कारण आत्महत्या बना है. मानसिक तनाव बढ़ने से कई युवाओं ने मौत को गले लगाना आसान समझा और बिना सोचे समझे घातक कदम उठा रहे है. चांदूर बाजार तहसील के शिरजगांव कसबा में पिछले 3 महीनों में 8 लोगों ने मौत को गले लगा कर अपनी जीवन यात्रा समाप्त की है.

    युवाओं की संख्या अधिक

    चिंताजनक बात यह है कि आत्महत्या करने वालों में अधिकतर युवाओं का समावेश है. पिछले 3 महिने में कुल 8 में से 6 युवा की उम्र 40 वर्ष से कम है. इन सभी ने फांसी लगाकर मौत को गले लगाया है. यही नहीं पिछले 19 महिने में शिरजगांव कसबा पुलिस स्टेशन क्षेत्र के करजगांव, देऊरवाडा, शिरजगांव में लगभग 29 ने आत्महत्या कर अपनी जिवन यात्रा समाप्त की है. जब की अकेले शिरजगांव कसबा में पिछले 19 महिने 18 लोगों ने अपनी जिवन यात्रा समाप्त कि है जिसमें सबसे ज्यादा युवाओं का समावेश है.

    डिप्रेशन, कर्ज बजारी बन रही वजह

    प्रकृति की मार झेल रहे किसानों कि स्थिति मे सुधार लाने के लाख वादे और दावे हर सरकार को ओर से किए जाते हैं, लेकिन आज़ादी के अमृत महोत्सव के बाद भी स्थिति जस की तस है. आए दिन किसानों की आय में कमी हो रही है. जिसके कारण किसानों पर कर्ज़ का बोझ और आर्थिक तंगी बढ़ने लगी है. कर्ज़ से परेशान किसान डिप्रेशन का शिकार हो रहे है. जिसके कारण आत्महत्या के मामले तेज़ी से बढ़ते दिखाई दे रहे हैं, जो एक काफी चिंताजनक मामला है. परिसर में आत्महत्या का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है.

    संशोधन का विषय बना

    बढ़ती आत्महत्या के चलते समूचे गांव में युवाओं की आत्महत्या एक चर्चा का विषय बन चुकी है आए दिन आत्महत्या की घटना सामने आ रही है. आत्महत्या का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है मामुली मामुली बातों को लेकर लोग आत्महत्या कर अपनी जीवन यात्रा समाप्त करने पर तुले हैं. कई परिवारों से साया छीन चुका है. वहीँ कई परिवारों को गुज़र बसर करना दुश्वार हो रहा है. पीडित परिवार के बच्चों की पढ़ाई लिखाई पर इसका विपरीत असर देखने को मिल रहा है. आत्महत्या करने वालों में सबसे ज्यादा युवाओं का समावेश है जो एक संशोधन का विषय बन चुका है. सेवाभावी संस्था आगे बढ़कर इसके लिए जनजागृति करना जरूरी है.