Nurses Protest

Loading

अमरावती. शहर समेत जिले की स्वास्थ्य सेविका व अधिपरिचारिका को औरंगाबाद हाईकोर्ट के आदेश तथा स्वास्थ्य मंत्री के साथ हुई बैठक के बाद भी शासकीय सेवा में शामिल न करने के कारण गुरुवार को आयटक के बैनर तले जिला परिषद कार्यालय के सामने धरना आंदोलन किया गया. आंदोलनकर्ताओं राज्य के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, स्वास्थ्यमंत्री, ग्राम विकास मंत्री को भेजे अपने ज्ञापन में बताया है कि 13 से 17 मार्च 2023 तक महाराष्ट्र राज्य स्वास्थ्य विभाग कंत्राटी नर्सेस यूनियन (आयटक) संगठन ने मुंबई के आजाद मैदान पर बेमियादी धरना आंदोलन किया था.

स्वास्थ्य मंत्री के कक्ष में संगठन के पदाधिकारी व प्रशासकीय अधिकारियों के साथ बैठक ली गई थी. तब स्वास्थ्य सेविका, अधिपरिचारिका व अन्य एनएचएम ठेका कर्मियों को राष्ट्रीय सेवा मेंशामिल करने पर सहमति बनी थी. स्वास्थ्य मंत्री ने उच्च न्यायालय की औरंगाबाद खंडपीठ द्वारा दिए गए आदेश के मुताबिक कर्मचारियों को शासकीय सेवा में शामिल करने का आश्वासन दिया था.

लेकिन विविध जिला परिषद, मनपा और नगरपालिका स्तर पर कार्यरत स्वास्थ्य सेवा की कंत्राटी परिचारिका व अधिपरिचारिका को सेवा में शामिल करने का अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया. इसी मांग को लेकर राज्य के सभी विभागीय आयुक्त, जिलाधिकारी और जिला परिषद कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया था.

ZP कार्यालय के सामने किया प्रदर्शन

अमरावती जिप कार्यालय के सामने आयटक ने यह प्रदर्शन किया. इसके बावजूद शासन द्वारा कोई पहल न किए जाने पर जून माह से कामबंद आंदोलन करने की चेतावनी दी गई है. इस आंदोलन में संगठन के राज्याध्यक्ष दिलीप उटाणे, अध्यक्ष मोनाली खांडेकर, कोषाध्यक्ष प्रिती पवार, सहसचिव प्रीति इंगले, दीपिका लट्टे, विनिता कख्ले, अश्विनी वानखडे, संगीता गवई, रंजना खोब्रागडे, अरूणा भोयर, मंगला आखरे, संगीता दांडेकर, गीता जांभेकर, जयश्री राठोड, जयश्री सुपटकर, स्वर्णा मुरहेकर, सकुन जावरकर, प्रभुदया कास्देकर, संगीता बांगले, मीना नाईक, रीना आठवले, आरती बागडे, वैशाली डकरे का समावेश था.