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    तलेगांव दशासर. राशन वितरण प्रणाली विभाग भी इन दिनों आम व ग़रीबी रेखा अंतर्गत जीवन गुजार रहे लोगों का मजाक उडा रही है.  सस्ते दामों पर गरीब राशनकार्ड धारकों को पिछले कुछ समय से मिलने वाले अनाज में 3 किलो चावल व 2 किलो गेंहू को घटाकर मात्र एक किलो गेंहू और 4 किलो चावल प्रति व्यक्ति देने से यह बात गरीबो के लिये परेशानी का सबब बन गयी है. उल्लेखनीय है कि अनाज आपूर्ति प्रणाली द्वारा पहले हर गरीबी रेखा के तहत आने वाले लाभार्थी पीले राशनकार्ड धारकों को 35 किलो प्रति कार्ड राशन देती थी.

    जो बाद में 25 किलों हुआ. फिर कुछ सालों से यह 2 किलो गेंहू, 3 किलों चावल वितरित होकर गरीबों का थोड़ा बहुत दो वक्त की रोटी का साधन रहा है. लेकिन मगर अब इन दिनों वितरण प्रणाली द्वारा निर्धारित 3 व 2 किलो चावल,गेंहू को घटाकर अब प्रति व्यक्ति 1 किलो गेंहू व 4 किलो चावल का वितरण करने से गरीबों के लिए भारी मुसिबत भरा साबित हो रहा है. वहीं इस दौरान किसानों को जो अनाज राशनकार्ड पर मिलता रहा है. उसमें इस बार उनके लिए उपलब्ध गेंहू नदारद है तथा उन्हें मात्र चावल पर ही गुज़ारा करना पड़  है.

    नागरकों को रोष

    आज महँगाई ने सभी की कमर तोड़ दी है और गेहूं की दूकानों में प्रति किलो 22 रुपयों से ऊपर के दाम है. जहां अब 20 दिनों से लगातार बरिश का जोर क्षेत्र में है, तो वहीं गरीबी रेखा के निचे के मजदूरों व अन्य नागरिकों के लिये रोज़ी रोटी कमाना बड़ी चुनौती भरा हो गया है. उसी समय वितरण प्रणाली का यह अजब गजब निर्णय ग़रीबो के मुंह से निवाला छीनने वाला सिद्ध हो रहा है.

    विशेष यह कि शासन व वितरण प्रणाली का यह निर्णय राशन के चावल को खुले बाजार में कार्ड धारकों को द्वारा बेचने पर विवश करने वाला है या अन्न व आपूर्ति विभाग ही कालाबाज़ारी को बढ़ावा देने, यह अजब गजब कारनामे को अंजाम तो नही दे रहा है, ऐसा सवाल नागरिक प्रशासन से पूछ रहे हैं. इस पूरे मामले को लेकर लोगों में रोष देखा जा रहा हैं.