नांदगांव खंडेश्वर (सं). किसानों को तत्काल फसल बीमा की राशि देने के साथ ही विविध मांगों के लिए शिवसेना ठाकरे समर्थकों के नेतृत्व में किसानों ने सोमवार को अमरावती यवतमाल मार्ग पर स्थित शिवनी रसुलापुर की बेंबला नदी में उतरकर जलसमाधि आंदोलन किया. किसानों द्वारा अचानक आक्रामक भूमिका लेने से पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों में भागदौड़ मच गई. आखिर दो घंटे के प्रयासों के बाद पुलिस की मध्यस्थता में अधिकारियों द्वारा लिखित आश्वासन के बाद आंदोलन वापस लिया गया.
8 दिन का दिया था अल्टिमेटम
तहसील के किसानों की मांगों के लिए तथा अन्य समस्याओं को लेकर सामूहिक आत्मदाह आंदोलन की चेतावनी शिवसेना के प्रकाश मारोटकर ने प्रशासन को दी थी. आठ दिन पहले किसानों की मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा गया था. तहसील के हजारों किसान फसल बीमे की राशि से वंचित हैं. तहसील के संतरा उत्पादक किसान व चार मंडल के किसान राजस्व व कृषि विभाग की अनदेखी के चलते अतिवृष्टि से नुकसान का मुआवजा भी नहीं मिला है. तुअर की फसल पर मर बीमारी का प्रकोप होने से भारी नुकसान हुआ है. जिसका सर्वेक्षण कर आर्थिक मदद देने के साथ ही स्थानीय धानोरा गुरव से शिंगणापुर और फुलगांव फाटा से वाघोड़ा की सड़क की मरम्मत की मांग को लेकर शिवसेना ने जलसमाधि आंदोलन का प्रयास किया.
पुलिस को दिया चकमा
आत्मदाह आंदोलन की चेतावनी 8 दिन पहले दिए जाने से पुलिस ने बस स्टैंड परिसर व तहसील कार्यलय में भारी बंदोबस्त रखा था, किंतु आंदोलनकर्ताओं ने अचानक बेंबला नदी में आंदोलन शुरू करने से पुलिस को भारी परेशानी झेलनी पड़ी. आंदोलन में शिवसेना के पूर्व उपजिला प्रमुख बाला राणे, पूर्व सरपंच विलास पाटिल सावदे, मधुकर कोठाले, अमोल धवस, श्रीकृष्ण सोलंकी, नीलेश इखार, रवि ठाकुर, मनोहर झिमटे, मनदेव चव्हाण, गुणवंत चांदुरकर, बालू रावेकर, भारत तिरमारे, अक्षय तुपट, चेतन धवने, भावेश भांबुरकर, अक्षय राणे, धनु मेटकर, पंकज रामगांवकर, मनोज ढोके, पिंटु तुपट, आशीष हटवार, संजय देवतले, आशीष भाकरे तथा बड़ी संख्या में शिवसैनिक उपस्थित थे.