अमरावती. जिले में बारिश की अनियमितता के कारण किसानों के फसलों का काफी नुकसान हुआ था. अनेक खेतों का पंचनामा कर सरकार को रिपोर्ट भी भेजी गई. सरकार द्वारा 123 करोड़ रुपए का फसल बीमा मंजूर किया. लेकिन एक वर्ष होने के बावजूद अभी तक किसानों को फसल बीमा की राशि नहीं मिली है जिससे किसान फसल बीमा की सहायता का इंतजार करते दिखाई दे रहा है.
79,000 किसानों ने कराया था बीमा
पिछले वर्ष फसल कटाई प्रयोग से प्रभावित खरीफ के आय के आधार पर 79 हजार किसानों को 123 करोड़ का फसल बीमा स्वीकृत किया गया है. लेकिन फसल बीमा कंपनी ने साल भर में किसानों को एक पैसा भी भुगतान नहीं किया है. सरकार ने योजना के लिए ‘कप एंड कैप’ मॉडल का जीआर निकाला. वास्तविक कार्यान्वयन न होने के कारण किसानों को फसल बीमा नहीं मिल सका.
खरीफ में फसलों का हुआ था भारी नुकसान
पिछले खरीफ सीजन में मेलघाट को छोड़कर 12 तहसील में औसत से अधिक वर्षा हुई, इसके अलावा 86 राजस्व मंडलों में भारी वर्षा हुई. इससे खरीफ सीजन की सभी फसलों को भारी नुकसान हुआ. इसलिए 1.25 लाख किसानों ने निर्धारित अवधि यानी 72 घंटे के भीतर कंपनी के पास अग्रिम नोटिस दाखिल किया था. इन आवेदनों की कंपनी स्तर पर जांच की गई. वहीं, फसल बीमा रिफंड कंपनी द्वारा 94,664 किसानों को 98.86 करोड़ रुपये का रिफंड दिया गया. हालांकि, योजना में 110 प्रतिशत से अधिक होने के कारण, शेष धनराशि सरकार द्वारा फसल बीमा कंपनी को देय होती है. इसके बाद कंपनी किसानों को रिफंड देगी. दरअसल, सरकार द्वारा कंपनी को यह राशि नहीं दिए जाने के कारण किसानों को फसल बीमा नहीं मिल पाया है.
हर वर्ष किसान संकट में
हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी किसान संकट में दिखाई दे रहे हैं. सरकार द्वारा किसानों को बीमा निकालने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, लेकिन बीमा निकालने के बाद किसानों को बीमे की राशि के लिए कड़ा इंतजार करना पड़ता है जिससे किसान आर्थिक संकट में आ जाते हैं.