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    चांदूरबाजार. रतनपुर सायखेडा ग्रामपंचायत अंतर्गत आनेवाले रोजगार गारंटी योजना के मजदूरों की मजूरी गत दो माह काम करने के बाद भी नहीं मिली. केवल दो मजदूरी के मस्टर निकाले जाने से अपनी ही मजदूरी के पैसों के लिए चक्कर कांटने की नौबत इन मजदूरों पर आन पडी है. महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना पर किसी भी अधिकारी का ध्यान नहीं रहने से मजदूरों पर हक के पैसों के लिए लडने की नौबत आन पडी है.

    दोषियों के खिलाफ हो कार्रवाई 

    सर्फापुर से बहिरम मार्ग पर पौंधारोपन महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के माध्यम से किया गया. इस पौंधारोपन पर रतनपुर सायखेडा के 10 मजदूरों ने 4 जून से 7 अगस्त तक काम किया. लेकिन उन्हें अभी तक दो मस्टर केही पैसे दिए गए. जिसके कारण मजदूरों ने गुटविकास अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर पैसों की मांग की. मजदूरों ने बताया कि संबंधित रोरजगार सेवक बार बार विनती करने के बाद भी मस्टर समय पर नहीं निकालता.

    काम शुरु रहते हुए काम पर उपस्थित भी नहीं रहता. मजदूरों की हजिरी लेने तो दूर की बात है. ऐसे में उसका हरजाना मजदूरों को भरना पडता है. मजदूरी कर परिवार का पालन पोषण किया जाता है मजदूरी ही नहीं मिलेगी तो काम कैसे करेंगे ऐसा सवाल भी मजदूरों ने कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई कर काम का मुआवजा देने की मांग की गई.

    लोगों के हाथों को काम मिले इसलिए महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना सरकारने जारी की है. जिसका फायदा बेरोजगार व मजदूरों को मिले. रोजगार उपलब्ध हो. लेकिन संबंधित अधिकारी इस ओर अनदेखी करने से मजदूरों को काम तो मिल रहा है लेकिन उसका मुआवजा नहीं मिलने से मजदूरों को तहसील के चक्कर कांटने पड़ रहे है.

    ज्ञापन सौंपते समय गुणवंत कोकणे, धनराज राऊत, रामदासकनाटे, शैलेश चक्रे, जीवन जवंजाल, मोहन तंतरपाडे, आकाश लोखंडे, अतुल मनोहरे, अजय दखणे, सुरेश तंतरपाडे, राजेंद्र भोरखेड, उतेश चडोकार, जय ढोबले, सिध्दार्थ जवंजाळ निलेश जवंजाल, रणजीत जवंजाल, शरज जवंजाळ, गजानन लोखंडे आदि उपस्थित थे.