हनुमान चालीसा: राणा निवास पर जाने से पुलिस ने रोका, शिवसैनिकों का तीव्र प्रदर्शन

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    अमरावती. राणा दंपति द्वारा मातोश्री में हनुमान चालीसा पढ़ने की चेतावनी पर एक्शन में आए शिवसैनिकों ने जबरदस्त शक्ति प्रदर्शन के साथ रविवार को राणा निवास की ओर धमक पड़े. चारों ओर पुलिस का कड़ा पहरा रहने के बाद भी महानगर शिवसेना प्रमुख पराग गुडधे के नेतृत्व में सैकड़ों शिवसैनिकों ने बैरिकेड्स गिरा दिए. राणा निवास की ओर जाने का भरकस प्रयास करते हुए जय भवानी, जय शिवाजी से क्षेत्र गूंजायमान हो गया. पुलिस के कड़े पहरे के चलते बैरिकेड्स के पास ही नीचे बैठकर शिवसैनिकों ने हनुमान चालीसा का पठन किया. जिसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारी शिवसैनिकों को डिटेन कर बाद में रिहा किया.

    गुडधे के नेतृत्व में आंदोलन, 13 डिटेन

    शिवसैनिकों को डिटेन करने के लिए पुलिस की दो से तीन वैन लगाई गई. डिटेन किए गए शिवसैनिकों में महानगर प्रमुख पराग गुडधे (31, तिरुपति कालोनी), जिला प्रमुख राजेश श्रीराम वानखड़े (52, श्रीराम नगर), संपर्क प्रमुख सुधीर नारायण सूर्यवंशी (55,टोपे नगर), सुनील लक्ष्मण राऊत (51, रविनगर),प्रवीण पंढरी अलसपुरे (43, पोटे टाऊनशीप), अतुल रमेश चव्हाण (52, राठी नगर), अकरम बिस्मिला खान पठाण (36, अकोली), सचिन रामदास ठाकरे (42, गणेश कालोनी), नितिन संभाजी हटवार (50, अर्जून नगर), नरेंद्र अंबादस निर्मल (55, वलगांव), मनोज डिगांबर कडू (50, अशोक नगर, धामणगांव), विवेक अनिल पवार (30, लढ्ढा प्लाट, बडनेरा) व पवन अरुण दलवी (31, गांधी आश्रम) का समावेश है. इस मामले में सरकार की ओर से पुलिस उपनिरीक्षक गजानन काठेवाडे की शिकायत पर आंदोलकारी शिवसैनिकों पर धारा 188 व 135 महाराष्ट्र पुलिस कानून के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है. गारंटी पत्र लेकर शिवसैनिकों को रिहा कर दिया गया.

    जबरदस्त शक्ति प्रदर्शन

    राजापेठ स्थित महानगर शिवसेना कार्यालय से रविवार को सुबह 11.30 बजे शिवसैनिक हाथों में भगवा ध्वज लेकर राणा निवास की ओर पैदल ही निकल पड़े. अंडरपास से होते हुए शंकर नगर की दिशा में बढ़ते समय जय भवानी, जय शिवाजी के नारे लगाए. महिला शिवसैनिक भी बड़ी संख्या में इस प्रदर्शन में सहभागी हुई. शंकर नगर में राणा निवास गंगा सावित्री के दोनों ओर से पुलिस ने पहले ही सावधानीवश बैरिकेट्स लगा रखे थे.

    शिवसैनिकों ने यह बैरिकेट्स गिरा दिए. इस समय पुलिस को आवेश में आए शिवसैनिकों पर काबू पाने के लिए बल का प्रयोग करना पड़ा. खुद थानेदार मनीष ठाकरे ने शिवसैनिकों को बैरिकेट्स पार करने से रोक दिया. इस समय पुलिस के साथ शिवसैनिकों ने धक्का-मुक्की भी की. इस तरह सैकड़ों शिवसैनिकों ने शक्ति प्रदर्शन के साथ बैरिकेट्स के पास ही बैठकर हनुमान चालीसा पढ़ी.

    हनुमान चालीसा पढ़ने जाकर रहेंगे मातोश्री

    हनुमान चालीसा पढ़ने हमारे निवास पर आने वाले शिवसैनिकों के लिए हमने लाल कारपेट बिछा रखा था. शरबत की व्यवस्था की थी. सत्कार के लिए खड़ा था. हम चाहते है कि बालासाहब ठाकरे के विचारों के बचे हुए शिवसैनिकों के दिमाग ठिकाने पर आए. हम चाहते है कि यह सभी शिवसैनिक मेरे साथ मातोश्री चलना चाहिए. जिस तरह उद्धव ठाकरे के कारण राज्य में साड़े साती लगी है. उन्होंने हनुमान चालीसा क्यों नहीं पढ़ी. उद्धव ठाकरे को महाविकास आघाड़ी का डर है. उन्हें सोनिया गांधी की परमिशन लेनी पड़ती है. यदि हनुमान चालीसा पढ़ते तो आघाड़ी से समर्थन वापस ले लेते. ऐसा उन्हें लगता है. जो मुख्यमंत्री दो वर्षों से मंत्रालय नहीं आते. क्षतिग्रस्त किसानों से मिलने नहीं आते. पूरे महाराष्ट्र में गंभीर परिस्थिति हो जाती है. हम सभी मिलकर मातोश्री जाएंगे और वहां हनुमान चालीसा पढ़ेंगे. यह काले पत्थर पर खींची लकीर है.-रवि राणा, एमएलए

     मुर्दाबाद के नारे लगाए आए थे शिवसैनिक

    हनुमान चालीसा पढ़ने आने वाले शिवसैनिकों का स्वागत है. मुर्दा बाद के नारे लगाए. चुड़िया फेंकी. यदि आदर के साथ चुड़ियां देते तो मैं पहन भी लेती. क्योंकि यह मां अंबे की अंबानगरी है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से केवल इतना प्रश्न है कि हनुमान जयंती पर किसी मंदिर में नहीं गए और न ही हनुमान चालीसा पढ़ी. क्या आप बालासाहब के विचार भूल गए.

    उद्धव ठाकरे ने बालासाहब के विचार पीछे छोड़ दिए है. अपनी संस्कृति व धर्म का प्रचार-प्रसार करना गलत है तो मुर्दाबाद कहने से बिलकुल भी विचलित नहीं हूं. कोई भगवान का नाम स्मरण करने के लिए आता है तो उन्हें रोकना नहीं चाहिए, लेकिन शिवसैनिक भगवान का नाम स्मरण अथवा हनुमान चालीसा पढ़ने के लिए नहीं आए थे. केवल विधायक रवि राणा व नवनीत के मुर्दाबाद की घोषणा लगाने आए थे. हनुमान चालीसा का पाढ़ करने हम हर हाल में मातोश्री पहुंचेगे. यदि किसी में ताकत है तो हमें रोक कर दिखाए. समय आप बताए.-      नवनीत राणा, सांसद