अमरावती. एनएचआरएम और एनएचयूएम के स्वास्थ्य कर्मचारियों को सरकारी सेवा में शामिल करने की मांग को लेकर विगत 19 दिनों से जिला परिषद के सामने आंदोलन किया जा रहा है. लेकिन इस ओर सरकार का ध्यान नहीं है. जिसको लेकर शनिवार को स्वास्थ्य कर्मियों ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नाम 2,000 से अधिक पोस्ट कार्ड भेजे.
सरकारी सेवा में शामिल करने की मांग
जिला परिषद के सामने जिप से संलग्नित एनएचआरएम, एनयुएचएम स्वास्थ कर्मचारियों ने राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नाम पत्र लिख कर सभी कर्मचारियों को सरकारी सेवा में समाविष्ट करे की मांग रखी. इस अनोखे आंदोलन के जरिए जिले के लगभग 1400 से अधिक कर्मचारियों सहित उनके परिवारिक सदस्यों ने भी मुख्यमंत्री शिंदे को पत्र लिखा. कर्मचारियों का कहना है कि पूर्व राज्य के सभी कर्मचारियों व्दारा 20 व 31 अक्टूबर को मुंबई के आजाद मैदान में आंदोलन किया था जिसमें स्वास्थ मंत्री सहित कॉंग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पडोले ने मुलाखात की थी. नाना पडोले ने यह बात सदन पटल पर रखने का आश्वासन दिया था. वही स्वास्थ मंत्री सावंत ने हड़तालियों की मांग को सिरे से नकार दिया था.
आंदोलन में प्रशांत जोशी, अशोक कोठारी, रविराज बोंडे, एड. दिनेश हिवराले, प्रशांत निर्मल, निलकंठ ठवली, डॉ. अंकुश मानकर, मौना खांडेकर, भावना पुरोहित, प्रीति पवार, डॉ. मंगेश बुलगे, रुपेश सरदार, डॉ. विकास नेहटकर, सचिन सुतार, मिना राठोड, अभिजीत वडनेरकर, धनंजय खंडारे, मनोज सहारे, पुजा चौहान, गौतम मनोहर, रितेश बेथरिया, राहुल थोरात, संदिप कथे, मिथील कलंबे, रविन्द्र चंद्रे, डॉ. तृप्ती जवादे, डॉ. मुदस्सीर सहित सैकडों एनएचआरएम कर्मचारी मौजूद थे.