संपत्ति कर वृद्धि के खिलाफ अनशन, मूल्यांकन नीति घोषित करने की मांग

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    अमरावती. महानगरपालिका प्रशासन द्वारा संपत्ति कर में की गई दोगुनी वृद्धि के विरोध के बाद राज्य के उप मुख्यमंत्री व अमरावती के पालकमंत्री ने इसे रद्द किया, लेकिन इसके बावजूद प्रशासन मनमाने तरीके से संपत्ति कर वसूली कर रही है. जिसके चलते नागरिकों में रोष है. जिसके चलते पूर्व पार्षद मुन्ना राठोड़ व युवक कांग्रेस के समीर जवंजाल के नेतृत्व में गुरूवार को मनपा के मुख्य द्वार के सामने एक दिवसीय अनशन आंदोलन किया गया. जिसमें संपत्ति कर वृद्धि रद्द करने की मांग के साथ मनपा प्रशासन से मूल्यांकन नीति घोषित करने की भी पुरजोर मांग की गई. 

    कांग्रेस शहराध्यक्ष ने दी भेंट

    आंदोलनस्थल पर कांग्रेस शहर अध्यक्ष बबलू शेखावत, पूर्व महापौर विलास इंगोले समेत पूर्व विधायक धाने पाटील ने भी आंदोलनस्थल को भेंट देकर मांगों को समर्थन दर्शाया. आंदोलनकारियों के अनुसार मनपा द्वारा की गई दोगुनी संपत्ति कर वृद्धि को जिला नियोजन के बैठक में पालकमंत्री ने स्थगिती दी थी, लेकिन इस बाबत स्पष्ट आदेश अभी भी अमरावती मनपा प्रशासन को प्राप्त हुये नहीं. फिर कॉंग्रेस ने इसका विरोध कर इस बाबत का मनपा आयुक्त को खुलासा मांगा. जिसके बाद 40 प्रतिशत संपत्ति कर वृद्धि रद्द करने की घोषणा की, लेकिन अभी मनपा कर्मचारियों का कोई लिखित आदेश प्राप्त नहीं हुए. जिसके चलते मनपा कर्मचारी मनमानी तरीके से हाउस टैक्स वसूल कर रहे हैं. मनपा कर्मचारियों के पास आयुक्त द्वारा 40 प्रतिशत मालमत्ता कौन सा कर कम किया गया. इस बाबत का कोई स्पष्टीकरण नहीं तथा लिखित आदेश नहीं. 40 प्रतिशत सामान्य कर कम किया गया था. कुल दुगने किए गये हाउस टैक्स में से 40 प्रतिशत कम किया जाएगा? इस बाबत अब तक कोई खुलासा न होने के चलते अन्य जो कर हैं वो दोगुने तिगने वसूले जा रहे हैं. इस बाबत पालकमंत्री व जिले के जनप्रतिनिधि जल्द से जल्द एक विशेष बैठक लेकर इसका खुलासा करने की मांग की गई.

    चौथी बार असेसमेंट

    उसी प्रकार मनपा प्रशासन द्वारा शहर की 1 लाख 50 हजार संपत्तियों का नये सिरे से चौथी बार असेसमेंट किया जा रहा है. जिन कंपनी को इस असेसमेंट का ठेका दिया गया है वह कंपनी के कर्मचारी तकनीकी दृष्टि से सक्षम नहीं. इसी प्रकार यह कर्मचारी घरों का नापजोख (असेसमेंट) करते समय संपत्ति धारकों को विश्वास में न लेते हुए उनके घर में जबरन प्रवेश करते है व कारपेट एरिया के अतिरिक्त संडास, बाथरूम, जिना, वरांडे का भी अस्सेमेंट कर रहे हैं. जिससे फिर संपत्ति धारको में एक असंतोष निर्माण होगा. साथ ही जिस प्रकार असेसमेंट किया जा रहा है उसकी कोई नीति घोषित नहीं की गई. न ही इस बाबत संपत्ति धारक को कोई जानकारी दी गई. असेसमेंट करते समय मनपा को कोई भी कर्मचारी व अधिकारी उपस्थित नहीं रहता. साथ ही लिखित संपत्ति धारक को इस बाबत की कोई जानकारी तथा पिछले आम सभा में किस प्रकार का नीति निश्चित की गई इसकी जानकारी नहीं दी जा रही है. सरकार का इस बाबत क्या मार्गदर्शन है, इसका भी खुलासा होना चाहिए.

    जनप्रतिनिधि स्पष्ट करें भूमिका

    मनपा प्रशासन जिस प्रकार अपने निर्णय जनता पर थोप रहे हैं. यह निषेधार्थ एवं अन्यायकारक है. पहले प्रशासन हाउस टैक्स वृद्धि, असेसमेंट बाबत नीति तय करें व उस बाबत का सार्वजनिक खुलासा कर संपत्ति धारकों को इसकी लिखित जानकारी दें, साथ ही पालकमंत्री व जनप्रतिनिधि अपनी जिम्मेदारी निभाते हुये इस गंभीर मामले को सुलझाते हुये संपत्तिधारकों को न्याय प्रदान करें. इसी प्रकार सांसद, विधायक इस बाबत चल रहे राज्य व केंद्र के अधिवेशन मे तारांकित प्रश्न उपस्थित करें, उसी प्रकार संपत्तिधारकों से असेसमेंट करते समय पारदर्शकता होनी चाहिये, ताकि भविष्य में संपत्ति धारकों को मूल्यांकन पर किस प्रकार का कर आकारा जायेगा इसका भी खुलासा होना चाहिए. आंदोलनकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि असेसमेंट (मूल्यांकन) को विरोध नहीं है, लेकिन पिछले 15 साल में जो नए संपत्ति कर निर्माण हुआ है, जिसका पंजीकरण मनपा के रिकॉर्ड पर नहीं है. ऐसी संपत्ति धारकों से नियम अनुसार कर वसूला जाये.