yashomati thakur
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धारणी (सं). मेलघाट में सन 2016-17 में मनरेगा योजना के अंर्तगत खेत पगडंडी रास्तों का करोड़ों का घोटाला अब एक बार फिर से विधानसभा के शीत सत्र में गूंजने के आसार दिखाई दे रहे हैं. इस मुद्दे को लेकर तिवसा की विधायक यशोमति ठाकुर ने मेलघाट में मनरेगा के घोटाले का मुद्दा मानसून सत्र में जोरों शोरों से उठाकर इस घोटाले में जांच समितियों द्वारा दोषी पाये गए अधिकारियों की फाइल संभागीय आयुक्त कार्यालय से निकालकर उन अधिकारियों पर कार्रवाई को लेकर आवाज उठाई थी.

मेलघाट के मनरेगा के अंतर्गत सन 2016-17 में हुए पगडंडी रास्तों के करोड़ों रुपए के बोगस बिल निकालने के लिए सम्बंधित ठेकेदारों ने अधिकारियों से मिलीभगत कर इन कामों के कुशल कामों के एफटीओ मार कर करोड़ों के बोगस बिल निकालने के पूरे प्रयास कर लिए थे. लेकिन इस पूरे षड्यंत्र की शिकायत विविध पक्षों के पदाधिकारियों तथा 2 विधायकों ने करने के बाद इस मेलघाट के मनरेगा के करोड़ों रुपए के घोटाले का पर्दाफाश जांच समितियों की जांच के बाद सबके सामने आया. लेकिन इस घोटाले में दोषी पाये गए अधिकारियों पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. जिसको लेकर यह कार्रवाई राजनीतिक दबावों के चलते रुकी होने के आरोप शिकायतकर्ताओं ने लगाए हैं.

दोषी अधिकारियों की फाइल खा रही धूल

मेलघाट के धारणी एवं चिखलदरा में हुए मनरेगा घोटाले में विविध जांच समितियों द्वारा अनियमतता होने के अहवाल पश्चात मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद अमरावती के पत्र क्र 1992 दिनांक 16 सितंबर 2022 में संभागीय आयुक्त को अपने पत्र में मनरेगा घोटाले में लिप्त गुटविकास अधिकारी पं स धारणी, शाखा अभियंता, शाखा लेखाधिकारी व विविध ग्रामपंचायतों के 19 ग्रामसेवकों पर इस घोटाले में दोषी पाए जाने पर कानूनन कार्रवाई के लिए पत्र दिया गया था. लेकिन मनरेगा के उपायुक्त इस मामले को लेकर टालमटोल कर इसको लेकर संदिग्ध भूमिका में दिखाई पड़ रहे हैं. इसके लिए यह कार्रवाई 8 महीनों से पेंडिंग होती नजर आ रही है.

जानबूझ कर दोषियों पर कार्रवाई करने में हो रही लापरवाही

पगडंडी के बोगस बिलों को निकालने के लिए मनरेगा के राज्य के अपर सचिव व रोहयो मंत्री भूमरे की मिलीभगत से इन बिलों को फिर से निकालने के प्रयास चल रहे हैं. इसीलिये इस घोटाले में दोषी पाए गए अधिकारियों पर कार्रवाई ठंडे बस्ते में जाती दिखाई दे रही है. 

-शैलेन्द्र मालवीय, शिवसेना (उबाठा) तहसील प्रमुख धारणी व शिकायतकर्ता.