रेलवे धुलघाट से अकोट मार्ग बदहाल, बाढ में बह गई सडक व पुल

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    धारणी. मेलघाट के धुलघाट रेलवे गांव से अकोट-अकोला मार्ग गुजरता है. इस धूलघाट रेलवे मार्ग से मेलघाट के करीब 300 गांवों के नागरिकों अकोट, अकोला और अन्य बड़े शहरों में जाते है. लेकिन, वर्तमान में सड़क की स्थिति बहुत खराब है. पिछले कई वर्षों से सड़क के रखरखाव, मरम्मत या नवीनीकरण नहीं होने के कारण सड़क ही गायब हो गई है. वन क्षेत्र होने के कारण अधिकांश जगहों पर सड़क नदी की बाढ से बह गई है, तो कहीं पुल बह गया है. जिसके चलते इस मार्ग से आवाजाही करते समय नागरिकों को काफी संघर्ष व कसरत कर राह खोजनी पडती है.

    बारिश में यातायात ठप

    पहले नागरिक डबका धुलघाट रेलवे गांव से अकोट अकोला और अन्य बड़े शहरों में ट्रेन से यात्रा करते थे. लेकिन, रेलवे के बंद होने से नागरिकों के पास धुलघाट रेलवे के पास एकमात्र सड़क ही विकल्प बचा है. सडक पर जगह जगह बडे बडे गड्ढे पडे है. अधिकांश स्थानों पर सडक बहने पर सड़क से आवाजाही ठप होती है. संबंधित लोक निर्माण विभाग लोगों से उच्च गुणवत्ता वाली सड़कों का शीघ्र निर्माण कर नागरिकों को सेवाएं प्रदान करने का आग्रह कर रहा है.

    विकासकार्यों में भेदभाव

    मेलघाट रेलवे के माध्यम से महानगर और अन्य हिस्सों से संपर्क होता था. लेकिन इस रेलवे लाइन को विस्थापित करने के लिए, व्याघ्र विभाग के जंगल क्षेत्र तथा वन्यप्राणियों पर विपरीत परीणाम का हवाला देकर मेलघाट रेलवे को मेलघाट के बाहर से जलगांव जिले में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया गया है. वहीं दूसरी ओर मेलघाट रेलवे लाइन से सटे और मेलघाट टाइगर प्रोजेक्ट के अति संरक्षित जंगल से गुजरने वाली कच्ची सड़क का निर्माण कार्य चल रहा है. जिससे वन्यजीव प्रेमियों ने सवाल उठाया है कि क्या सड़क यातायात से वन्य जीवन प्रभावित नहीं होगा.